लाहौर के पार्क में रविवार को हुए भीषण आत्मघाती हमले का निशाना ईस्टर मना रहे ईसाई थे। इस हमले में मरने वालों की संख्या 72 हो गई जिनमें 29 बच्चे शामिल हैं। लाहौर गुलशन ए इकबाल पार्क में जब धमाका हुआ तब वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। लोग ईस्टर मनाने के लिए जमा हुए थे। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार सुबह जिन्ना अस्पताल का दौरा किया और घायलों की सेहत के बारे में जानकारी ली। अस्पताल के अपने बिस्तर से एक घायल बच्चे ने शरीफ से सवाल किया, ‘दहशतगर्द हमें क्यों मार रहे हैं।’
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को बेहतर से बेहतर उपचार मुहैया कराए। उन्होंने संकल्प किया कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बक्शा जाएगा। जिन्ना अस्पताल में एक बच्चे के परिवार वालों ने शरीफ के दौरे का विरोध किया। विस्फोट में अपने दो बच्चों को खोने वाली और घायल तीसरे बच्चे का उपचार करा रही राबिया बीबी ने कहा, ‘पुलिस ने हमारे रिश्तेदारों को अस्पताल में नहीं दाखिल होने दिया क्योंकि प्रधानमंत्री यहां का दौरा कर रहे हैं। अगर शासक अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते तो उन्हें कम से कम सुरक्षा के नाम पर परेशानी नहीं खड़ी करनी चाहिए।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान सहित देश के कई नेताओं ने हमले की निंदा की है। ईसाई समुदाय के नेताओं ने भी इसकी आलोचना की है। आत्मघाती हमले के बाद पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमले के संदिग्ध की पहचान मुहम्मद यूसुफ के रूप में हुई है जो पंजाब के मुजफ्फरगढ़ जिले का रहने वाला था।’ उन्होंने कहा कि हमलावर पार्क के अंदर दाखिल हुआ और भीड़ के निकट खुद को उड़ा लिया। पुलिस ने इस संदिग्ध के पांच परिजन को गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए उनको किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है।
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