पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली GEN-Z आंदोलन के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए। ओली को शनिवार को भक्तपुर के गुंडू में आयोजित नेशनल यूथ एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में देखा गया। कार्यक्रम में ओली के साथ उनकी पत्नी राधिका शाक्य, राजेंद्र गौतम, भानुभक्त ढकाल, महेश बस्नेत, राजीव पहाड़ी, माधव ढुंगेल समेत अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।

नेपाल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केपी शर्मा ओली ने कार्यक्रम में कहा, “इस सरकार को मेरे बयानों को सार्वजनिक करना चाहिए। दूसरों के बयानों को भी सामने लाना चाहिए, जनता के बीच लाना चाहिए, पुलिस और कर्मचारियों को दिए गए निर्देशों और कार्रवाइयों को सामने लाना चाहिए। हम किसी भी षड्यंत्र में शामिल नहीं होते। हम सब कुछ पारदर्शिता से करते हैं।”

विदेश नहीं भागूंगा- केपी शर्मा ओली

उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने न तो भ्रष्टाचार किया और न ही होने दिया। उन्होंने आगे कहा, “अब मैं अफवाहें सुन रहा हूं कि सरकार पासपोर्ट बंद कर देगी। यह क्या सोच रही है? हम इस सरकार को देश सौंपकर विदेश भाग जाएंगे? हम क्या सोच रहे हैं? हमें इस देश का निर्माण करना है। एक बार फिर, हम इसे संवैधानिक लोकतांत्रिक मुख्यधारा में लाएंगे।”

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अतीत की अस्थिरता को याद करते हुए केपी शर्मा ओली ने कहा, “माओवादी संघर्ष के दौरान देश को राजनीतिक और आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ा। हमने तब इसे स्थिर किया था। अब फिर से, अशांति फैलाने की कोशिशें हो रही हैं। तथाकथित GEN-Z कार्यकर्ता घर पर हैं, जबकि अन्य लोग उद्योगों को लूट रहे हैं और सिंह दरबार और संसद जैसी ऐतिहासिक संस्थाओं में तोड़फोड़ कर रहे हैं। यह सब अलग-अलग ताकतों द्वारा किया जा रहा है।”

नेपाल में हुआ था प्रदर्शन

गौरतलब है कि आठ और नौ सितंबर को, कथित भ्रष्टाचार तथा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 72 लोग मारे गए थे। हिंसा के बाद खड्ग प्रसाद ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं।

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