नेपाल में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है। सोमवार को जहां ओली ने चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। उनके साथ 22 अन्य मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री चुने जाने पर पीएम मोदी ने उनको बधाई दी है।

नेपाल में पिछले 16 वर्षों से राजनीतिक उठा पटक जारी है। महज 16 वर्षों में ही 14 सरकारों का गठन किया जा चुका है। अब ओली के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है। ओली ने चौथी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ ली है। वैसे तो ओली को चीन समर्थक माना जाता है। ओली के पिछले कार्यकालों में भारत से तनाव की स्थिति देखने को मिली थी।

इसके पहले साल 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ओली ने नेपाल में नया संघीय लोकतांत्रिक संविधान अपनाए जाने के बाद देश के तराई क्षेत्रों में आंदोलन चलाया था। ओली के इस आंदोलन को लेकर भारतीय मूल निवासियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था।

वहीं दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद ओली ने भारत-नेपाल मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का वादा किया लेकिन कुछ ही दिनों में खटास सामने आ गई। जब नेपाल सरकार ने अपना राजनीतिक नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में नेपाल ने कई भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया था। इससे पहले साल 2020 में ओली ने ये कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि असली अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में स्थित है।

केपी शर्म ओली के राजनीतिक सफर की बात करें तो 14 साल की छोटी सी उम्र में ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने। साल 1973 में उनको 17 साल के उम्र में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके बाद उनको 14 साल जेल में रखा गया था। 1987 में जेल से बाहर आने के बाद ओली 1991 के चुनाव में चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे। साल 2006 में जीपी कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में ओली उप प्रधानमंत्री बने। और फिर 11 अक्तूबर 2015 को वह पहली बार देश के प्रधानमंत्री बनें।