उत्तर कोरिया का जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का पहला प्रयास बुधवार को नाकाम रहा। लेकिन उसके इस कदम से पड़ोसी देशों दक्षिण कोरिया और जापान में हड़कंप मच गया। सुबह छह बजकर 27 मिनट पर उपग्रह का प्रक्षेपण किए जाने के करीब 14 मिनट बाद दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में लोगों को मोबाइल फोन पर संदेश भेजकर सुरक्षित जगह पर जाने का अनुरोध किया गया।

सियोल के कुछ इलाकों में लाउडस्पीकर के जरिये भी लोगों को सतर्क किया गया। हालांकि, करीब 22 मिनट बाद, गृह एवं सुरक्षा मंत्रालय ने सियोल के बाशिंदों को भेजे एक अन्य संदेश में कहा कि पूर्व में दी गई चेतावनी गलती से भेजी गई थी। जापान में भी उत्तर कोरिया के इस कदम से हलचल दिखी। सरकार और प्रशासन वहां भी हाईअलर्ट पर था। उत्तर कोरिया के हथियारों के बढ़ते जखीरे को लेकर दक्षिण कोरिया और जापान दोनों चिंतित हैं।

सियोल के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि यह संदेश पश्चिमी तट के निकट द्वीप पर रह रहे लोगों के लिए था। यह क्षेत्र रॉकेट के गुजरने के मार्ग के करीब है। उन्होंने कहा कि इसलिए सुबह छह बजकर 29 मिनट पर चेतावनी जारी की गई थी। सियोल की आबादी एक करोड़ है। यह उत्तर कोरिया से लगी सीमा से करीब एक घंटे की यात्रा की दूरी पर है। उत्तर कोरियाई मिसाइल को सियोल तक पहुंचने में कुछ ही मिनट लगते हैं।

हालांकि, पिछले 17 महीनों में उत्तर कोरिया द्वारा 100 से अधिक मिसाइल परीक्षण किए गए हैं। लेकिन इस तरह की चेतावनी दक्षिण कोरिया ने कभी-कभार ही जारी की है। बुधवार को मोबाइल पर भेजा गया संदेश 2016 के बाद से तीसरी बार था। दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि उसने सुरक्षा मंत्रालय को कहा है कि इस तरह की चेतावनी भरे संदेश केवल तभी भेजे जाएं जब उत्तर कोरियाई रॉकेट दक्षिण कोरियाई क्षेत्र की ओर आए।

जापान में भी अलर्ट पर डाला गया चेतावनी सिस्टम

उधर, जापान में अधिकारियों ने रॉकेट के रास्ते में पड़ सकने वाले दक्षिण पश्चिमी ओकीनावा प्रांत के लिए सुबह साढ़े छह बजे चेतावनी सिस्टम अलर्ट पर डाला गया। सरकार जब आश्वस्त हो गई कि रॉकेट जापान की ओर नहीं आ रहा है तो उसके 30 मिनट बाद अलर्ट वापस ले लिया गया। रक्षा मंत्री यासुकाजु हामदा ने कहा कि कम से कम 11 जून तक दूरदराज के कई दक्षिणी द्वीपों पर मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती जारी रखेगा।