उत्तर कोरिया का तानाशाह शासक किम जोंग उन ने देश की गद्दी 27 साल की उम्र में 2011 में संभाली थी। वैसे तो किम को ये शासन पुस्तैनी तौर पर मिला था लेकिन उसको जानने वाले बताते हैं कि उसमें तानाशाह शासक बनने के लक्षण बचपन से ही थे। उन का वर्तमान जितना दुनिया को चौंका रहा है उतना ही उसका बचपन रोचक किस्सों से भरा है।
किम के बचपन की कहानियों और सच्ची घटनाओं पर आधारित एक किताब हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट के ब्यूरोचीफ अन्ना फिफील्ड ने लिखी। अपनी किताब में अन्ना ने किम से जुड़ी घटनाओं और रियल लाइफ के बारे में उल्लेख किया है जोकि दुनिया के सामने आज तक नहीं आई। वैसे अन्ना द्वारा अपने किताब पर लिखे आर्टिकल को पढ़कर यही लग रहा है कि इसमें किम की तारीफ ज्यादा है, उसकी क्रूरता और हठधर्मिता की कहानी को खुलकर नहीं लिखा गया है।
आइए कुछ बिंदुओं में उन के बचपन से किशोर होने की कहानी को समझते हैं जो लेखक ने अपनी किताब में बयां किए हैं:
- किताब के मुताबिक, किम जोंग उन अपने खानदान के साथ बचपन से ही एक शाही महल में रहते थे। उन्होंने अपना बचपन और किशोरावस्था एकांत महल में बिताया।
- सत्ता, पावर और अपने नौकरों से कैसे बोलना है ये उसके व्यवहार में बचपन से दिखने लगा था। उदाहरण: पहली बार मिल रहे अपने 40 साल के जापानी शेफ से हाथ मिलाने के बजाए ऐसे घूरा मानो वो दुश्मन देश का है।
- वॉशिंगटन पोस्ट के ब्यूरोचीफ से इसी शेफ ने किम जोंग उन के बारे में कई खुलासे किए। उसने बताया कि शाही परिवार सिर्फ वही चावल खाता था जिसकी देश के एक खास इलाके में पैदावार होती थी। इसके लिए खास महिला श्रमिकों को लगाया जाता था जो सिर्फ एक साइज़ के चावल चुनकर महल भेजती थीं। ये उनको सुनिश्चित करना होता था कि एक भी चावल का दाना खराब या अलग साइज़ का न हो।

- उन भले ही दीवारों से घिरी दुनिया में बड़ा हुआ लेकिन उसकी उस दुनिया में हर तरह की लग्ज़री सुविधाएं थीं जो बड़ों-बड़ों को नसीब नहीं थी। बचपन में ही किम जोंग उन के कपड़े खास ब्रिटिश फैब्रिक के सिले होते थे और वह उस जमाने में सैमसोनाइट सूटकेस में आते थे। वह ब्रश भी करता था तो कोलगेट के खास इम्पोर्टेड टूथपेस्ट से।
- किम जोंग उन ने पूरी पढ़ाई घर पर ही की। उसे पढ़ाने के लिए टीचर घर ही आया करते थे। उसके पास कोई दोस्त नहीं था। यहां तक की उन अपने सौतेले भाई के साथ भी नहीं खेलता था। सिर्फ उसके साथ खेलने के लिए छोटी बहन यो जोंग थी।
- बचपन से ही किम जोंग उन को मशीनरी, मॉडल प्लेन और ट्वाय शिप का खास शौक था। वह उसी समय से ये जानना चाहते थे कि आखिर वह कैसे उड़ता है या कैसे तैरता है। उन की दीवानगी का आलम ये था कि 8 साल की उम्र में भी वह अपनी मशीनों के साथ पूरी रात एक्सपर्ट को बुलाकर सभी जरूरी जानकारियां लेते थे।