भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का प्रतीक करतारपुर कॉरिडोर के लिए अब एक ‘एम्बेस्डर एट लार्ज’ है। हाल ही में पाकिस्तान ने अपने पंजाब प्रांत के एक सिख विधायक रमेश सिंह अरोड़ा को इस पद के लिए नॉमिनेट किया। इस दौरान अरोड़ा ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी उम्मीद कॉरिडोर का उपयोग करने वाले भारत के तीर्थयात्रियों की संख्या को बढ़ावा देना है।
अपनी मांगों को उठाना सिख समुदाय का अधिकार- पाकिस्तानी एंबेसडर
विवादित खालिस्तान के मुद्दे पर रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा, “यहां तक कि अदालतों ने भी कहा है कि अपनी मांगों को उठाना सिख समुदाय का अधिकार है। हालांकि, यह भारत को देखना है कि वे अपने आंतरिक मामले को कैसे सुलझाते हैं और अपने लोगों को कैसे शांत करते हैं जो एक अलग मातृभूमि की मांग कर रहे हैं।
48 साल के रमेश सिंह अरोड़ा पंजाब के जिले नरोवाल से ताल्लुक रखते हैं। इसी जगह पर सिख धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब स्थित है। रमेश सिंह नरोवाल की प्रांतीय विधानसभा (एमपीए) के दो बार सदस्य रहे हैं। करतारपुर पर नई पहल ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री हैं और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) केंद्र और राज्य दोनों में शासन कर रही है। रमेश सिंह अरोड़ा पीएमएल-एन के सदस्य हैं।
भारतीय श्रद्धालुओं की कम संख्या से चिंतित हैं पाकिस्तानी एंबेसडर
पाकिस्तान से फोन पर द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए रमेश अरोड़ा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर को खोले जाने के तीन साल से अधिक समय बाद भारत की ओर से तीर्थयात्रियों को करतारपुर गुरुद्वारे में मत्था टेकने की सुविधा मिली। हालांकि, पाकिस्तानी एंबेसडर गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल पर भारतीय श्रद्धालुओं की कम संख्या से चिंतित हैं।
रमेश अरोड़ा ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच साइन किए गए समझौता ज्ञापन के अनुसार हमने करतारपुर में प्रतिदिन कम से कम 5000 तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था की है, जिसमें लंगर भी शामिल हैं। पर शायद ही कोई दिन हो जब भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 1000 से अधिक हो। ज्यादातर दिनों में यह औसतन 200-500 ही होता है। हम केवल भारत में सिख संगत से इस कॉरिडोर का पूरा उपयोग करने की अपील कर सकते हैं क्योंकि इसे खोलने का एकमात्र कारण भारतीय सिखों की मांग थी।”
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को सातों दिन 24 घंटे खुला रखा जाए
सिख नेता ने कहा कि उन्होंने पीएम शरीफ को यह भी सुझाव दिया था कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे खुला रखा जाए, ताकि भारतीय तीर्थयात्री अपनी सुविधा के अनुसार दर्शन कर सकें। रमेश अरोड़ा ने कहा, “हम जितना संभव हो सके उतने लोगों को करतारपुर आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करेंगे। वर्तमान में गुरुद्वारा भारतीयों के लिए सुबह से शाम तक खुला रहता है लेकिन चूंकि यह दोतरफा प्रक्रिया है इसलिए हमें भारतीय अधिकारियों के साथ तौर-तरीकों पर काम करना होगा।”