जेल में बंद पाकिस्तानी नेता वसीम अख्तर का कराची का मेयर बनना लगभग तय है। वसीम के वकील ने बताया कि जेल में बंद अख्तर अपने सेल से ही वीडियो लिंक के जरिए शहर को चलाएगा। वसीम को कथित तौर पर उग्रवादियों की सहायता के संदेह में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। चुनाव के दौरान वह पुलिस की गाड़ी में बैठकर अपना वोट डालने के लिए आया था।
वसीम अख्तर, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) का सदस्य है, जिसने पिछले साल दिसंबर में स्थानीय चुनाव में जीत दर्ज की थी। लेकिन कानूनी चुनौतियों के चलते ऑफिस का चार्ज नहीं संभाल सकी थी। हालांकि काउंसिल पर एमक्यूएम का ही कंट्रोल है। अख्तर के वकील महफूज यार खान ने बताया कि जेल के अंदर ही ऑफिस बनाया जाएगा और वीडियो लिंक के जरिए वसीम काउंसिल की मीटिंग कंडक्ट करेगा। उन्होंने बताया कि वह 5 साल तक जेल के अंदर से वीडियो लिंक के माध्यम से कराची को चला सकता है।
महापौर के रूप में एक कैद राजनीतिज्ञ का चुनाव कराची के नियंत्रण के लिए चल रहे सत्ता संघर्ष का प्रतीक है। कराची एक पोर्ट सिटी है, जहां करीब 20 मिलियन लोग रहते हैं स्टॉक एक्सचेंज है, सेंट्रल बैंक है और तो और आतंकी और गैंगस्टर भी है। बता दें कि मंगलवार को एमक्यूएम के नेता अल्ताफ हुसैन के खिलाफ देशद्रोह (Sedition) का मामला कराची में दर्ज किया गया है। अल्ताफ हुसैन ने अपने भाषण में एक्यूएम को ब्लैकआउट करने के लिए पाकिस्तानी मीडिया को भी जमकर खरी खोटी सुनाई जिसके बाद कराची में एआरवाई चैनल के दफ्तर में हमला हुआ जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। अल्ताफ हुसैन के पाकिस्तान विरोधी बयान के बाद कराची में एमक्यूएम के मुख्यालय को सील कर दिया गया है और उसके कार्यकर्ताओं की धरपकड़ हो रही है।
अख्तर किस तरह से शहर को चलाएगा यह अभी तक साफ नहीं हो सका है। अदालतों की ओर से उसे 30 अगस्त से पहले रिहा की उम्मीद नहीं, जिसके चलते वह 30 को ही शपथ ले पाएगा। एमक्यूएम पदाधिकारियों का कहना है कि वह प्रशासन से अख्तर को ऑफिस उपलब्ध कराने के लिए कहेगा। साथ ही उसे जेल से बाहर मीटिंग अटेंड करने के लिए एस्कॉर्ट की उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था करने की मांग की जाएगी।

