भारत के दौरे पर आने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने आतंकी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा कार्रवाई करने के संदर्भ में हुई प्रगति के बारे में कांग्रेस को कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया।

केरी के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हाल में कांग्रेस में केरी-लुगर-बरमन के तहत पाकिस्तान को अमेरिकी मदद के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की।

यह वर्ष 2013 की बात है जब विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को मदद जारी करने के लिए कांग्रेस को अधिसूचित किया था और इसके लिए विदेश मंत्री ने ‘राष्ट्रीय हित छूट’ माध्यम का उपयोग किया था, ‘प्रमाणीकरण आवश्यकता’ का नहीं।

विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कल संवाददाताओं से कहा कि हाल के दिनों में केरी-लुगर-बरमन के तहत पाकिस्तान को कोई मदद जारी नहीं की गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि कई अन्य रास्ते हैं जिसके तहत अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को वित्तीय मदद प्रदान की जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस में कोई आग्रह अधिसूचित नहीं किया गया है। कांग्रेस ने किसी आग्रह (केरी-लुगर-बरमन विधेयक के तहत पाकिस्तान को सहायता देने) को मंजूरी नहीं दी।’’

पसाकी ने कहा कि आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में पाकिस्तान की ओर से हुई प्रगति के बारे में कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रमाणपत्र देने की बजाए एक छूट (राष्ट्रीय हित) का उपयोग किया गया (2013)। आतंकवाद निरोधक उपायों के बारे में पाकिस्तान को कांग्रेस में कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। ’’ उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं कि कोई प्रगति नहीं हुई।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता से उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिसमें कहा गया था कि आतंकवाद निरोधक उपायों के बारे में केरी ने पाकिस्तान के पक्ष में प्रमाणपत्र जारी किया था। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि कांग्रेस में आग्रह को अधिसूचित नहीं किया गया था। कांग्रेस ने आग्रह को मंजूरी नहीं दी थी।’’

पसाकी ने कहा कि पिछली समीक्षा केरी-लुगर-बरमन विधेयक के तहत 2013 में पाकिस्तान आतंकवाद निरोधक सहयोग के संबंध में हुई थी। ‘‘प्रमाणन के स्थान पर छूट का उपयोग किया गया था।’’

उन्होंने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के हाल के एक बयान को खारिज किया कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को 53.2 करोड़ डॉलर का पैकेज कांग्रेस में अधिसूचित किया है जो ऊर्जा, आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा, आर्थिक विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में है।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के समक्ष नये वित्त पोषण अधिसूचित नहीं किए गए हैं।