अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात करके पठानकोट स्थित वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का सच पता लगाने में उन्हें पूरा सहयोग देने की पेशकश की। फोन पर हुई बातचीत के दौरान शरीफ ने केरी से कहा कि पाकिस्तान वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले की ‘पारदर्शी’ तरीके से त्वरित जांच कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, केरी ने पठानकोट में हुए आतंकी हमले का सच पता लगाने में प्रधानमंत्री को पूरा सहयोग देने की पेशकश की। दोनों नेताओं ने क्षेत्र में आतंकवाद की बढ़ती चुनौती पर ध्यान बनाए रखने की जरूरत पर चर्चा की।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि, हम विदेश मंत्री केरी के आज प्रधानमंत्री शरीफ से बात करने की पुष्टि कर सकते हैं। उन्होंने हमारे संबंधों के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर तथा क्षेत्र में आतंकवाद की बढ़ती चुनौती पर ध्यान केंद्रित रखने के बारे में चर्चा की। विदेश मंत्री ने हमारे इस विचार को दोहराया कि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध तथा सुरक्षित बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान का साथ काम करते रहना जरूरी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, शरीफ ने विदेश मंत्री केरी को बताया कि, हम पारदर्शी तरीके से तेजी से जांच कर रहे हैं और सच सामने लाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया इस संबंध में हमारे प्रभाव और गंभीरता को देखेगी।
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केरी की शरीफ से बातचीत भारतीय खुफिया एजेंसियों की इन खबरों के बीच हुई कि पाकिस्तान में कुछ लोगों और समूहों ने पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमले की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। बयान के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस तथ्य के बावजूद बातचीत जारी रहेगी कि आतंकवादियों ने इसमें अड़ंगा डालने की कोशिश की क्योंकि भारत और पाकिस्तान वार्ता का जारी रहना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है तथा दोनों प्रधानमंत्रियों को सतत वार्ता सुनिश्चित करने के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाने की जरूरत है। इसमें आगे कहा गया है कि शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान किसी को भी विदेश में आतंकी हमले करने के लिए अपनी भूमि का इस्तेमाल नहीं करने देगा। बयान के अनुसार, केरी ने ऐसी कठिन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री की उस नेतृत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की जिसकी इस हालात में सचमुच जरूरत थी।