जापान में काम के बढ़ते प्रेशर ने कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। पर, जापान में कुछ कर्मचारियों के लिए इस्तीफा देना और भी अधिक तनावपूर्ण है। उनके लिए अपने बॉस के पास जाना आसान नहीं है जो उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए धमका भी सकते हैं। ऐसे में ‘इस्तीफा एजेंसियां (Resignation Agencies)’ उनकी मदद कर रही हैं।

पूर्वी एशियाई देश में काम का ज्यादा दबाव और खराब वर्क कल्चर कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है। जो लोग अपने दो सप्ताह का नोटिस खुद देने में सक्षम नहीं हैं वो अपनी मदद के लिए रेजिग्नेशन एजेंटों को नियुक्त कर रहे हैं।

जापान के रेजिग्नेशन एक्सपर्ट

कर्मचारियों की ओर से नौकरी छोड़ने वाली जापान की रेजिग्नेशन एजेंसियां ​​पहली बार 2017 में सामने आईं। एग्जिट नामक एक स्टार्टअप को इस क्षेत्र में अग्रणी के रूप में देखा जाता है। यह ग्राहक के मालिकों को बुलाता है और उनके लिए इस्तीफा देता है।

2023 में अल जज़ीरा से बात करते हुए एक्ज़िट के सह-संस्थापक तोशीयुकी नीनो ने कहा था कि यह विचार नौकरी छोड़ने के उनके अपने खराब अनुभवों और जापान के खराब वर्क कल्चर से उभरा है। उन्होंने कहा, “वे आपको शर्मिंदा और दोषी ठहराने की कोशिश करते हैं कि आपने तीन साल से भी कम समय में अपनी नौकरी छोड़ दी। मेरे लिए खुद नौकरी छोड़ने का समय बहुत कठिन था।”

कर्मचारी एजेंसियों से इसलिए संपर्क करते हैं क्योंकि वो अपने बॉस से डरते हैं

नीनो के अनुसार, अधिकांश लोग इसलिए उनकी सेवाओं के लिए संपर्क करते हैं क्योंकि वो अपने बॉस से डरते हैं। एग्जिट को हर साल 10,000 से ज्यादा ग्राहक मिलते हैं। कोविड-19 के बाद ऐसी एजेंसियों की लोकप्रियता बढ़ी। सीएनएन ने HR विशेषज्ञों का हवाला देते हुए बताया कि महामारी के दौरान घर से काम करने से जापान के कुछ सबसे वफादार कर्मचारियों को भी अपने करियर पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) के अनुसार, इन रेजिग्नेशन एजेंसियों द्वारा सेवाओं की लागत 25,000 (14480 रुपये) से 50,000 येन (28,959 रुपये) तक है लेकिन कुछ मामलों में यह 12,000 येन (6950 रुपये) से भी कम हो सकती है। ये एजेंसियां विवादों से निपटने के लिए लॉ फर्मों और श्रमिक संघों के साथ भी कोलैबोरेट करते हैं।

जापान में इस्तीफा देना अपमान माना जाता है

जापान के वर्क फोर्स में लगभग 70 मिलियन (7 करोड़) लोग हैं। देश में 12 घंटे से अधिक की शिफ्ट सामान्य है। जापान में इस्तीफा देना अपमान की तरह माना जाता है। नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को धमकाया जाता है, यहां तक कि नोटिस देने के बाद कर्मचारी का वेतन भी रोक लिया जाता है। सीएनएन के अनुसार, कुछ मामलों में बॉस इस्तीफा फाड़ने और कर्मचारियों को रुकने के लिए परेशान करने तक की हद तक चले जाते हैं।

युवा कर्मचारियों के रवैये में बदलाव

विशेषज्ञों का कहना है कि काम के प्रति युवाओं के दृष्टिकोण में बदलाव के कारण इस्तीफा देने वाली एजेंसियां ​​सामने आई हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से उम्रदराज़ होती आबादी और गिरती जन्म दर के कारण जापान में श्रमिकों की कमी ने बाजार में श्रमिकों को पिछली पीढ़ियों की तुलना में अधिक अधिकार दे दिया है।