जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया जिससे उनके संभावित उत्तराधिकारी इशिबा शिगेरु के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जापान के पूर्व रक्षा मंत्री इशिबा शिगेरु को देश के 102वें प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया गया है।
मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने घोषणा की कि किशिदा और उनके मंत्रियों ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस्तीफे सौंप दिए। इशिबा को शुक्रवार को सत्तारूढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ का नेता चुना गया था ताकि वह किशिदा का स्थान ले सकें। किशिदा ने अगस्त में अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के अंत में इस्तीफा देने की घोषणा की थी।
जापान के पीएम कार्यालय ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया जिसमें उस पल को कैद किया गया, जिसमें स्टाफ के सदस्यों ने किशिदा का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें गुलदस्ता भेंट किया।
नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे इशिबा शिगेरु
मंगलवार को संसद में मतदान के बाद इशिबा का प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि संसद में उनकी पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है। इसके बाद इशिबा अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे। इशिबा ने सोमवार को कहा था कि वह मंगलवार को देश का औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद 27 अक्टूबर को संसदीय चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। इशिबा ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा करते हुए चुनाव की तारीख का उल्लेख किया। किशिदा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
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टोटोरी में जन्मे इशिबा के पिता ही राजनीतिज्ञ थे। स्कूल खत्म करने के बाद इशिबा शिगेरु कानून की पढ़ाई करने के लिए टोक्यो चले गए। 1983 में राजनीति में शामिल होने के लिए उन्होंने मित्सुई बैंक में काम किया और 1986 में टोटोरी प्रान्त से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के सदस्यों में से एक बन गए।
इन पदों पर काम कर चुके हैं इशिबा
पूर्व रक्षा मंत्री ने कई अन्य पदों पर काम किया है, जिसमें जापान में जनसंख्या में गिरावट पर काबू पाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर परिषद के प्रभारी मंत्री और कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन के लिए वरिष्ठ राज्य सचिव के रूप में शामिल हैं।
चीन के विरोधी हैं इशिबा शिगेरु
ऐसा माना जाता है कि जापान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को किशिदा सरकार के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री की नीतियों पर उनके अलग और विरोधी विचारों के कारण दरकिनार कर दिया गया था। इशिबा परमाणु हथियारों के बढ़ते उपयोग के भी खिलाफ थे। शिगेरु इशिबा क्षेत्र में चीन को नियंत्रित करने और रोकने के लिए नाटो के एशियाई संस्करण के समर्थक हैं, साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ जापान के अधिक संतुलित और समान संबंधों की भी मांग करते हैं।
(इनपुट- एपी/इंडियन एक्सप्रेस)