अमेरिका में भारतीय छात्रा का जाह्नवी कंडूला की मौत के मामले में वॉशिंगटन से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जिसमें अभियोजकों ने सिएटल के आरोपी पुलिसवाले के खिलाफ क्रिमिनल केस न चलाने का ऐलान किया है। जाह्नवी कंडूला की मौत 23 जनवरी 2023 को हुई थी। सिएटल के पुलिस अधिकारी ने तेज रफ्तार में पुलिस की ही कार से जाह्नवी को चटक्कर मार दी थी। अभियोजन पक्ष के फैसले को लेकर जाह्नवी के परिजनों ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि जब तक न्याय न हो, तब तक केस नहीं बंद होना चाहिए।
इस मामले में सीएटल पुलिस द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया कि किंग काउंटी अभियोजक ऑफिस ने कई अहम पहलुओं का हवाला दिया है। इसमें कहा गया कि पुलिस ऑफिसर डेव ने अपनी इमरजेंसी लाइट्स एक्टिव कर दी थीं। गवाहों का कहना है कि उन्होंने पुलिस अधिकारी को तेज रफ्तार में सायरन बजाते हुए जाते देखा था। वहीं यह भी कहा गया कि शायद जाह्नवी ने पुलिस की कार को आते देखा था फिर भी सड़क पार करने की कोशिश की थी, शायद उसने वायरलेस इयरबड्स पहने हुए थे।
किंग काउंटी की अभियोजक अटॉर्नी लीसा मैनियन ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके पास आपराधिक मामले को साबित करने के लिए जरूरी सबूत नहीं है। इसमें कहा गया कि अभियोजक कार्यालय ने यह भी पाया कि सिएटल के पुलिस अधिकारी ऑडरर द्वारा की गयी टिप्पणियां ‘‘घटिया और काफी चिंताजनक’’ हैं।
जानकारी के मुताबिक ऑडरर जनवरी में हुए इस हादसे में शामिल नहीं था लेकिन उसे वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, ‘‘लेकिन वह मर गयी है।’’ वह फोन पर हंस रहा था। उसे वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, ‘‘खैर वह 26 साल की थी। उसकी कोई खास अहमियत नहीं थी।’’ पुलिस अधिकारी ऑडरर को इस तरह के कॉमेंट्स के लिए पद से बर्खास्त किया जा सकता है।
अभियोजन के इस फैसले पर जाह्नवी के परिजनों ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अमेरिकी कानून व्यवस्था से निराशा हुई है। परिजनों ने आरोपी पुलिसवाले डेव के रवैए को घोर लापरवाही वाला बताते हुए कहा कि इस मामले में जवाबदेही जरूर तय की जानी चाहिए।