इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद कहा कि भारत और चीन यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं। उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में जॉर्जिया मेलोनी की बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमे उन्होंने भारत, ब्राजील और चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में बताया था, जो संघर्ष को सुलझाने में भूमिका निभा सकते हैं।
चीन-भारत को निभानी है अहम भूमिका- मेलोनी
मेलोनी ने कहा, “संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत को भूमिका निभानी है। ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि यूक्रेन को उसके भाग्य पर छोड़ कर संघर्ष का समाधान किया जा सकता है। यूक्रेन को समर्थन देने का निर्णय इटली के राष्ट्रीय हित के अनुरूप है और यह कभी नहीं बदलेगा।”
गुरुवार को पुतिन ने रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत, ब्राजील और चीन के संपर्क में हैं। पुतिन ने कहा, “सबसे पहले मैं चीनी पीपुल्स रिपब्लिक, ब्राजील और भारत में अपने सहयोगियों के संपर्क में हूं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन देशों के नेता और हमारे एक दूसरे के साथ विश्वास के संबंध हैं। वे वास्तव में दिलचस्पी लें और सहायता प्रदान करें।”
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पीएम मोदी ने किया था यूक्रेन का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने यूक्रेन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ज़ेलेंस्की को बताया था कि यूक्रेन और रूस दोनों को चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए समय बर्बाद किए बिना एक साथ बैठना चाहिए और भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में था और वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेंगे। 23 अगस्त को पीएम मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा 1991 में यूक्रेन की आजादी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।