मंगलवार की रात ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक मिसाइलें दागी, जिससे मध्य पूर्व के हालात तेजी से खराब हो गए हैं। इस हमले को ईरान की तरफ से बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसने क्षेत्र में पहले से बढ़ते तनाव को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इजरायल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और जवाबी हमले की चेतावनी दी। इसके साथ ही, उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की, ताकि स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके।

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के दूत ने साफ कहा कि उनके देश पर हमला करने वाले किसी भी दुश्मन को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज़ ने इस हमले को एक गंभीर चेतावनी मानते हुए इसे ‘रेड लाइन’ पार करने वाला हमला कहा। उन्होंने कहा कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के कदम उठाने को तैयार है। इजरायली सेना के प्रवक्ता ने भी कहा कि इजरायल उचित समय पर ईरान को कड़ा जवाब देगा।

अमेरिका ने कहा- गाजा और हिज्बुल्लाह की तरह ईरान भी गलती मानेगा

अमेरिका ने इस मामले में इजरायल की पूरी तरह से मदद करने का वादा किया है। इजरायल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने कहा कि जैसे पहले गाजा और हिज्बुल्लाह को इजरायल से टकराने पर पछतावा हुआ था, वैसे ही इस बार ईरान को भी अपने कदम पर अफसोस होगा। इजरायल का मानना है कि यह हमला उसके लिए सिर्फ एक चुनौती नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक बड़ी प्रतिक्रिया की जरूरत है, जिसमें सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।

विपक्षी सांसद गैंट्ज़ ने कहा कि यह हमला सिर्फ इजरायल को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर नहीं करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक बड़े और समन्वित कदम की आवश्यकता है। इस हमले से लेबनान के साथ भी इजरायल के रिश्तों में और तनाव आ गया है, जिससे एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध की संभावना बढ़ गई है। अगर ऐसा होता है, तो इससे लेबनान को और अधिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह जल्द ही इजरायल के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेंगे। वहीं, ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि ईरान के पास आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने इजरायल के आक्रमणों को नजरअंदाज किया है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।