Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इजरायल राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और हमास को खत्म करने के लिए पूरे गाजा पट्टी पर नियंत्रण करने का इरादा रखता है।

सुरक्षा कैबिनेट की बैठक से पहले फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए नेतन्याहू से पूछा गया कि क्या इज़रायल इस एन्क्लेव पर नियंत्रण करेगा। उन्होंने जवाब दिया कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, हम वहां से हमास को हटाना चाहते हैं, लोगों को गाज़ा से मुक्त कराना चाहते हैं और वहां नागरिक शासन को सौंपना चाहते हैं। यह हमास नहीं है और न ही कोई ऐसा है जो इज़राइल के विनाश की वकालत करता है। उन्होंने कहा कि हम स्वयं को और गाजा के लोगों को हमास के भयानक आतंक से मुक्त कराना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने आगे स्पष्ट किया कि इजरायल की गाजा पर शासन करने की कोई दीर्घकालिक योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इसे अपने पास नहीं रखना चाहते। हम एक सुरक्षा घेरा बनाना चाहते हैं। हम इस पर शासन नहीं करना चाहते। हम वहां एक शासक निकाय के रूप में नहीं रहना चाहते।

नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर पूर्ण कब्जे पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को एक सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसके बारे में सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि इससे अनगिनत फिलिस्तीनी मौतें होंगी और बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा।

इजरायली मीडिया ने नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों के हवाले से बताया कि नेतन्याहू गाजा पर पूर्ण सैन्य कब्जे के लिए कैबिनेट की मंजूरी मांग रहे हैं। द गार्जियन ने बताया कि हालांकि अधिकारी इसे इजरायली सेना के भीतर आंतरिक विरोध को कम करने के लिए एक सीमित अभियान के रूप में देख रहे हैं।

अनाम सरकारी सूत्रों के हवाले से इज़रायली मीडिया ने कहा है कि इस योजना में गाजा के शेष 25% हिस्से में ज़मीनी सेना तैनात करना शामिल है, जो महीनों की बमबारी से अभी तक तबाह नहीं हुआ है। द गार्जियन की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस क्षेत्र के 20 लाख से ज़्यादा निवासियों के एक बड़े हिस्से के लिए शरणस्थली बन गए हैं।

चैनल 12 के अनुसार , प्रस्तावित दो-चरणीय अभियान का उद्देश्य गाजा शहर पर नियंत्रण हासिल करना और लगभग दस लाख लोगों, जो गाजा की आधी आबादी है। उसको उस क्षेत्र से निकालना होगा। इस कदम को एक अस्थायी उपाय बताया जा रहा है ताकि इज़रायल मध्य गाजा में एक नागरिक बुनियादी ढांचा स्थापित कर सके, जिस पर हमास का शासन नहीं होगा।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में करीब 200 फिलिस्तीनी – जिनमें से लगभग आधे बच्चे हैं – भुखमरी से मर चुके हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इजराइल के जारी हमले में अब तक इस क्षेत्र में 61,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

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संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, गाजा का लगभग 87 प्रतिशत हिस्सा या तो खाली करने के आदेश के अधीन है या उसे सैन्य क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जिससे लाखों फ़िलिस्तीनी भीड़भाड़ वाले शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि इससे मानव-निर्मित अकाल के हालात पैदा हो गए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भुखमरी बढ़ रही है।

हालांकि, इज़रायल गाज़ा में भुखमरी की बात से इनकार करता रहा है। उसने विवादास्पद गाज़ा मानवतावादी फाउंडेशन (जीएचएफ) का समर्थन किया है और उस क्षेत्र में हवाई सहायता पहुंचाने की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ जीएचएफ को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए कि अभियान शुरू होने के बाद से इसके वितरण स्थलों के आसपास कम से कम 859 लोग मारे गए हैं। वहीं, ट्रंप के भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बीत चीन के राजदूत ने निशाना साधा है। पढ़ें…पूरी खबर।