इजरायल ने एक नया जासूसी सैटेलाइट लॉन्च किया है, जिसके बारे में रक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह आने वाले वर्षों में पश्चिम एशिया में उसकी निगरानी क्षमता को मजबूत करेगा।
सैन्य अधिकारियों और रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने बुधवार को कहा कि मंगलवार देर रात प्रक्षेपित किया गया यह उपग्रह इजरायल की उस क्षमता को बढ़ाएगा, जिसके जरिए उसने इस साल की शुरुआत में हुए 12 दिनों के युद्ध के दौरान ईरान से जुड़ी 12,000 तस्वीरें जुटाई थीं।
काट्ज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह हमारे सभी दुश्मनों के लिए भी एक संदेश है, चाहे वे कहीं भी हों- हम हर समय और हर परिस्थिति में आप पर नज़र रख रहे हैं।’’
ईरान की निगरानी के अलावा, इजरायल ने पश्चिम एशिया के अन्य हिस्सों में भी खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता हासिल की है क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘‘सात मोर्चों पर लड़े जाने वाला युद्ध’’ कहा है। इसी के तहत इजरायली बलों ने 23 महीनों से जारी ग़ाज़ा युद्ध के दौरान लेबनान, सीरिया, यमन और इराक में भी हमले किए हैं।
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मेजर जनरल अमीर बाराम ने कहा कि ‘ओफेक-19’ नामक यह उपग्रह उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसका मकसद है ‘‘पश्चिम एशिया के किसी भी बिंदु पर लगातार और एक साथ निगरानी बनाए रखना।’’
इजरायल का दशकों पुराना अंतरिक्ष कार्यक्रम हाल के वर्षों में कई उपग्रह प्रक्षेपणों के साथ अपने बेड़े का विस्तार कर चुका है और वह दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से है, जिनके पास ‘हाई-रिज़ॉल्यूशन’ निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता है।
इजरायल की सेना ने यह नहीं बताया कि मंगलवार शाम उपग्रह को कहां से प्रक्षेपित किया गया।
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