ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच इजरायल की बहुचर्चित एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम का टेस्ट भी हो रहा है। आयरन डोम को इस बार ऐसी मिसाइलों का सामना करना पड़ रहा है, जैसा उसने शायद ही पहले कभी किया हो। आयरन डोम पर सवाल भी उठ रहे हैं। गुरुवार को ईरान ने हाइफा और तेल अवीव में सैन्य स्थलों पर संयुक्त मिसाइल और ड्रोन हमलों की पुष्टि की। इससे तनाव और बढ़ गया और यह आशंका बढ़ गई कि इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम कमज़ोर हो सकता है।

19 जून को कथित तौर पर इजरायल के चार स्थानों पर हमलें हुए। इसमें दक्षिणी इजरायल में सोरोका अस्पताल भी शामिल है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह सर्वोच्च ईरानी नेता अयातुल्ला खामेनेई पर हमले से इनकार नहीं कर रहे हैं। हालांकि रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने अस्पताल पर हमले के लिए सीधे तौर पर ईरानी सर्वोच्च नेता को दोषी ठहराया।

क्या फेल हो रहा आयरन डोम?

जैसे ही कुछ मिसाइलों को इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम से फिसलते हुए फुटेज सामने आए, इसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि क्या आयरन डोम लड़खड़ाने लगा है?

NDTV से बात करते हुए सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल अमीर अवीवी (जो कि इजरायल रक्षा और सुरक्षा मंच-IDSF के अध्यक्ष हैं) ने जोर देकर कहा कि सिस्टम पर दबाव तो था, लेकिन यह काफी हद तक बरकरार रहा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ आयरन डोम की वजह से नहीं हुआ। उन्होंने इजरायल के अंतरिक्ष-आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा, “बैलिस्टिक मिसाइलों (खासकर लंबी दूरी से दागी गई मिसाइलों) को ज़्यादातर एरो 3 द्वारा रोका जाता है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह 90% से ज़्यादा सफल है।”

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फिर भी जनरल अमीर अवीवी ने चेतावनी दी कि कोई भी सिस्टम दोषरहित नहीं होता। उन्होंने कहा, “100% तक पहुंचना मुश्किल है। जब कोई मिसाइल टूटती है, तो इजरायल की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली काम करती है।” उन्होंने नागरिकों को ऐसे मामलों में बंकरों का उपयोग करने की सलाह भी दी।

आयरन डोम अभी भी भरोसेमंद?

क्या आयरन डोम अभी भी भरोसेमंद है या फिर इजरायल को आयरन डोम के बाद के भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए? इस सवाल पर अवीवी ने कहा कि यह सिस्टम व्यापक एयर डिफेंस नेटवर्क के साथ-साथ विश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि स्थिति सिर्फ़ एक सिस्टम की नहीं है, बल्कि कई तरह के खतरों का मुकाबला करने के लिए बहुस्तरीय रणनीति की है।

अवीवी ने कहा कि इजरायल ईरान की बैलिस्टिक क्षमताओं को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने में कामयाब हो रहा है। उन्होंने बताया कि ईरान ने सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह उस गति को बनाए रखने में विफल रहा। अवीवी के अनुसार इजरायली हमलों ने ईरान के 40% से अधिक लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है, जिससे उनकी हमलों को झेलने की क्षमता को काफी नुकसान पहुंचा है।

चूंकि इजरायल की रक्षा प्रणालियों का परीक्षण ईरानी मिसाइल हमलों द्वारा किया जा रहा है, इसलिए अवीवी का कहना है कि आयरन डोम अभी दबाव में तो है, लेकिन कम से कम अभी के लिए लाइन को बनाए रख सकता है। गुरुवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में इस बारे में निर्णय लेंगे कि अमेरिका को इजरायल-ईरान संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि बातचीत या वार्ता बंद नहीं हुई है।