दुनिया इस समय हिंसा का एक ऐसा दौर देख रही है जहां पर कई देश एक दूसरे से लड़ रहे हैं। एक जमाने में विश्व युद्ध देख चुकी यह दुनिया फिर कई जंग के मुहाने पर खड़ी है। बांग्लादेश में आग लगी पड़ी है, रूस-यूक्रेन अभी भी एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं, इजरायल-हमसा का युद्ध थमा नहीं है, ईरान, इजरायल पर अटैक करने की रणनीति बना रहा है और ब्रिटेन नई सरकार के बनते ही हिंसा का अलग दौर देख रहा है। यानी कि 10 देश इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रहे हैं, उनकी वहां हो रही हिंसा का असर दूसरे कई देशों पर पड़ रहा है, सप्लाई चेन टूट चुकी है और महंगाई चरम पर चल रही है।

रूस-यूक्रेन युद्ध

रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं, एक समय जो पुतिन 72 घंटे के अंदर में यूक्रेन को सबक सिखाने की बात कर रहे थे, अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि इतने महीनों के बाद भी कोई देश जीत की दहलीज पर भी नहीं खड़ा है। यूक्रेन को एक तरफ अमेरिका से F-16 फाइटर जैट मिल चुके हैं, दूसरी तरफ कई इलाकों में रूस ने अपनी पकड़ को मजबूत किया है। पश्चिमी यूक्रेन में सबसे ज्यादा रूस की तरफ से हमले हो रहे हैं, वहां पर बमबारी होती दिख रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि उन्हें अमेरिका के फाइटर जेट मिल गए हैं, लेकिन वे नेटो देशों से और ज्यादा मदद की उम्मीद लगा रहे हैं। वर्तमान में कीव में भी रूस ने कई ड्रोन अटैक किए हैं। लगातार अलार्म बजते रहते हैं, हर दूसरे बड़े हमले होते दिख रहे हैं।

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इजरायल-हमास युद्ध

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल के कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, कई तो बंदी भी बनाए गए थे। उस एक हमले के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने युद्ध का ऐलान कर दिया और हमास को समाप्त करने की कसम खाई गई। अब उस बात को भी 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन ना युद्ध थमा है और ना ही जमीन पर तनाव कम होता दिख रहा है। इस युद्ध में 40 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है। बड़ी बात यह है कि गाजा में इजरायल के सबसे बड़े हमले होते दिख रहे हैं, वहां पर बच्चों से लेकर महिलाओं तक, बुजुर्गों से लेकर अस्पताल में पड़े मरीज तक, सभी की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में ही 33 लोगों की गाजा में मौत हो चुकी है। बड़ी बात यह है कि फिलिस्तीन की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई हो रही है, सबसे बड़ा मिसाइल अटैक तो कुछ दिन पहले ही हुआ है।

लेबनान-इजरायल तनाव

मध्य पूर्व में लेबनान तनाव का नया केंद्र बनता दिख रहा है। जब से हिजबुल्ला के टॉप कमांडर फुआद शुक्र की मौत हुई है, इजरायल के साथ लेबनान की नोकझोंक चरम पर पहुंच चुकी है। असल में इजरायल पर ही आरोप है कि उसने हिजबुल्ला के प्रमुख को मौत के घाट उतारा है। यह हमला भी इसलिए हुआ है क्योंकि हिजबुल्ला ने अपने एक अटैक में इजरायल के कुछ बच्चों को मार गिराया था। उसके बाद से ही बदले की भावना से जल रहा इजरायल हिजबुल्ला को मुंहतोड़ जवाब देना चाहता है। इसी वजह से भारत,ऑस्ट्रेलिया और अब अमेरिका जैसे देश अपने नागरिकों को तुरंत लेबनान से निकलने के लिए कह रहे हैं।

इजरायल-ईरान की टेंशन

अब लेबनान में अगर हिजबुल्ला के प्रमुख को मारा गया है तो ईरान में भी हमास के चीफ का सफाया हुआ है। बड़ी बात यह है कि उस हमले के लिए भी इजरायल को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। इसी वजह से अब ईरान भी इजरायल से बदला चाहता है। उसकी तरफ से कई मिसाइल हमले भी हाल ही में इजरायल पर हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि तनाव इतना ज्यादा है कि आने वाले दिनों में युद्ध का नया मोर्चा दोनों देशों के बीच में खुल सकता है। इजरायल भी झुकने के मूड में नहीं दिख रहा है, उसकी तरफ से भी एलान हुआ है कि हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

बांग्लादेश में फिर बिगड़े हालात, हिंसा का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

बांग्लादेश में हिंसा

भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश इस समय गृह युद्ध की ओर बढ़ता दिख रहा है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि पूरे देश में ही कर्फ्यू लगाना पड़ा है। इंटरनेट बंद चल रहा है और कई लोगों की मौत हो चुकी है। असल में बांग्लादेश में 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने की बात है। अब ढाका और दूसरे शहरों के छात्र इसी आरक्षण का विरोध कर रहे हैं, वो इसे भेदभाव वाला मानते हैं, इसे 10 फीसदी तक करने की बात करते हैं। इसके पीछे भी एक कहानी यह है कि बांग्लादेश में युवा सराकरी नौकरी को लेकर काफी जज्बाती रहते हैं, यह उनके लिए किसी बड़े पद से कम नहीं होता है। ऐसे में अगर उनके अवसर ही कम हो जाएंगे तो उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लग जाएगी। इसी वजह से सड़कों पर इस तरह से हिंसा उबाल मार रही है।

ब्रिटेन में हिंसा

उत्तर पश्चिमी इंग्लैंज में चाकू से किए गए हमले में तीन बच्चियों की मौत के बाद से ही ब्रिटेन में हालात बेकाबू हो चुके हैं, कई सालों बाद वो सबसे खराब दंगों से जूझ रहा है। ब्रिटेन की सड़कों में हिंसक भीड़ और जलती हुई दुकानों की तस्वीरें अब पूरी दुनिया में शेयर की जा रही है। इस पूरे बवाल का कारण आरोपी से जुड़ी एक खबर है। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि साउथपोर्ट का हमलावर एक अप्रवासी मुस्लिम था जो अवैध रूप से ब्रिटेन में आया था। इसके बाद अप्रवासियों के खिलाफ विरोध की लहर देखी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन की हिंसा के दौरान 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बीते कुछ दिनों में यहां दक्षिणपंथी समूहों से जुड़ी हिंसक झड़पें और अशांति बढ़ी दी है।