इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र में गाजा को लेकर सीजफायर का एक प्रस्ताव पास हुआ है। इस बीच अहम बात ये है कि अमेरिका ने यूएन में वोटिंग से किनारा कर लिया, जिससे इजरायल भड़का गया। अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो नहीं किया, इसको लेकर इजरायल उसपर भड़का हुआ है।

इजरायली प्रतिनिधिमंडल ने रद्द किया अमेरिकी दौरा

दो इजरायली अधिकारियों ने कहा कि मतदान में अनुपस्थित रहने के अमेरिकी फैसले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा को रद्द कर दिया है। अमेरिका ने पहले भी युद्धविराम की मांग करने वाले ऐसे ही प्रस्तावों पर वीटो किया था लेकिन इस बार नहीं किया। इसको लेकर इजरायल ने पूछा कि अमेरिका ने वीटो क्यों लगाया?

शुक्रवार को अमेरिका ने बंधकों की रिहाई से जुड़ा एक युद्धविराम प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव तब पास नहीं हुआ जब रूस और चीन ने इस पर वीटो कर दिया। सोमवार के वोटिंग में अमेरिका के न रहने से प्रस्ताव पारित हो गया।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “जब अल्जीरिया और अन्य देश मिलकर प्रस्ताव लाए तो रूस और चीन भी उनके साथ हो गया। इस प्रस्ताव में केवल सीजफायर की बात कही गई है। बंधकों की रिहाई से संबंधित कोई बात है ही नहीं अमेरिका को वीटो पावर का इस्तेमाल करना चाहिए था। अफसोस है कि अमेरिका ने अपनी नीति ही छोड़ दी और वोटिंग से अलग हो गया।”

इजरायल ने कहा कि वीटो का इस्तेमाल ना करके अमेरिका यूएनएससी में शुरू से चले आ रहे अपने स्टैंड से भागना चाहता है। उसने कहा कि अब हमास की उम्मीद बढ़ेगी कि अंतरराष्ट्रीय दबाव में इजरायल सीजफायर की बात मानने को मजबूर हो जाएगा। इजरायल ने कहा कि अब तो बंधकों की रिहाई की बात ही नहीं होगी।

अमेरिका ने इजरायल के आरोप किए खारिज

वहीं इजरायल के सारे आरोप को अमेरिका ने खारिज कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि उसने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है अमेरिका ने कहा कि हम राफाह बॉर्डर पर चल रहे युद्ध के विकल्प पर चर्चा करना चाहते थेलेकिन इजरायल ने इनकार कर दिया। राफाह पर जमीनी हमला करना नुकसानदेह हो सकता है।