इजरायली सेना ने रविवार को लेबनान के खिलाफ जबर्दस्त हवाई हमले करके मध्य-पूर्व में गहरा संघर्ष और संकट की स्थिति पैदा कर दी है। इसके तुरंत बाद हिजबुल्लाह ने भी बड़ी संख्या में ड्रोन से अटैक कर करारा जवाब दिया है। इजरायल रक्षा बलों ने कहा, “इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइल और रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन की आईडीएफ ने पहचान कर ली है। इनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई में आईडीएफ लेबनान में आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहा है।”
इजरायल ने कहा- जहां भी खतरा होगा, वहां हमले किए जाएंगे
हमलों पर टिप्पणी करते हुए इजरायल के विदेश मंत्री योआव गैलेंट (Yoav Gallant) ने कहा कि देश पूरी तरह युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन जमीन पर होने वाली गतिविधियों के हिसाब से काम करेगा। इजरायली सेना ने बताया कि हिजबुल्लाह पर उसके मौजूदा हमले मुख्य रूप से दक्षिणी लेबनान पर फोकस है। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि जहां कहीं भी खतरे की आशंका होगी, वहां तक ये हमले किये जा सकते हैं।
इस बीच हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने इजरायल की ओर 320 से अधिक कत्युशा रॉकेट (Katyusha rockets) लॉन्च किए हैं और 11 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। यह भी कहा कि पिछले महीने बेरूत उपनगर पर हमले में अपने शीर्ष कमांडर की हत्या के जवाब का यह “पहला चरण” है।
पिछले महीने इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर मिसाइल हमले के बाद, जिसमें 12 युवा मारे गए, हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हमले के प्रतिशोध में इजरायली सेना ने बेरूत में हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ कमांडर शुकर की हत्या कर दी। इस जवाब ने अमेरिका और ईरान को शामिल करते हुए संभावित रूप से एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति जो बाइडेन स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या से स्थिति और खराब हो गई, जिससे ईरान ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई। इजरायल पर हमास के बंदूकधारियों के 7 अक्टूबर को किए गए हमलों का जवाब हिजबुल्लाह ने इजरायली ठिकानों पर मिसाइलों से दिया। इसकी वजह से दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी रही। इन आदान-प्रदानों के बावजूद कोई भी पक्ष पूरी तरह से युद्ध करने के लिए आगे नहीं बढ़ा है, जबकि गाजा में संघर्ष जारी है।