आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल से परिवार सहित भागे 14 साल के बच्चे रगाब अहमद ने अपनी आपबीती बयां की है। रगाब ने बताया कि आतंकी उस जैसे कई बच्चों को एके-47 राइफल के सामने प्रार्थना करने को मजबूर करते थे।

रगाब ने बताया कि आतंकी बच्चों को हत्यारा बनाने की ट्रेनिंग देते थे। लड़ाके कहते थे कि सिर को पकड़ो, उसे पीछे करो और फिर गर्दन काट दो। रगाब आईएस के कई प्रोपेगैंडा वीडियो में दिखा है। इन वीडियो में वह बंधकों का सिर काटते हुए दिखाया गया है। उसने बताया कि उसके साथ पांच और लड़कों को हत्यारा बनने की ट्रेनिंग दी गई थी।

उसने बताया कि आईएस के लड़ाके सभी पकड़े गए लोगों को कोजो गांव में रखते हैं। वह कैदियों को तीन समूहों में बांटते हैं। एक में पुरुष, दूसरे में महिलाएं और तीसरे में बच्चे होते हैं। उसने बताया, कैद के दौरान लड़ाके हमें हाथ ऊपर करने को कहते थे और काली लकड़ी से हमें मारते थे।

रगाब ने लड़ाकों के पास से एक मेमोरी स्टिक चुरा ली थी। इस स्टिक में आतंकियों की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह बच्चों को आतंक की ट्रेनिंग दे रहे हैं।

रगाब और उसके परिवार की आईएस के चंगुल से भागने में एक तस्कर ने मदद की। रगाब के रिश्तेदारों ने 1650 पाउंड तस्कर को दिए और उसने इन लोगों को आईएस की कैद से आजाद करा लिया।

बता दें कि रगाब, उसके माता-पिता, छोटे भाई और बहन को आतंकियों ने उत्तरी इराक से अगवा कर लिया था। उसके परिवार के पिता के अलावा बाकी सभी सदस्य आईएस के चंगुल से छूट गए हैं। पिता के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

आतंकवादी समूह, इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने सिर कलम करने का एक खौफनाक वीडियो जारी किया है। दावा किया गया है कि यह अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत में फिल्माया गया है।

वीडियो में बंधक नारंगी रंग का जंपसूट पहने दिख रहा है। उसका सिर कलम करने से पहले उसे एक पहाड़ी क्षेत्र से गुजरता दिखाया गया है। यह वीडियो आतंकवादी समूह इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान (आईएमयू) ने जारी किया है। मारे गए व्यक्ति की पहचान के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।