दुनिया भर में अपने आतंक की दहशत फैला रहा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के चंगुल से हाल ही कुछ यजीदी लड़कियां छूटी हैं, जिन्होंने उसके साथ हुए जुल्मों की दांस्ता को बयां किया। ये वो लड़कियां है जिन्हें आतंकी हर रोज जबरजस्ती अपनी हवस का शिकार बनाते थे।

11 महीने तक आतंकियों की कैद में रही इन्हीं में एक 12 साल की मासूम लड़की ने बताया, ‘जब मैं आतकियों से कहती थी कि ऐसा मत करो मुझे तकलीफ होती है। तो आतंकी का जवाब मिलता था कि इस्लाम के मुताबिक काफिरों का रेप करना गुनाह नहीं है और उसका रेप करने से उसे जन्नत मिलेगी। गौरतलब है कि आईएसआईएस ग्रुप के आतंकियों ने पिछले वर्ष यजीदी समुदाय की करीब 5000 महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को अगवा कर लिया था।

Also Read: ISIS सावधान, बरना अमेरिकी विमान उड़ा देंगे चिथड़े-चिथड़े

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक फिलहाल सभी लड़कियां इराक के एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही हैं। आतंकियों की कैद में नौ महीने तक रही एक और नाबालिग लड़की ने बताया कि आतंकी धार्मिक किताब का हवाला देते हुए गैर मुस्लिम महिलाओं पर हमला करने और उनके साथ जबरन रिश्ते बनाने अल्लाह की इबादत बोलते थे।

इतना ही नहीं ये आतंकी किसी भी लड़की का रेप करने से पहले नवाज पड़ता और बाद उसे अपनी हवस का शिकार बना डालते थे। लिहाजा आतकंकियों की नजरों में रेप करना अल्लाह की इबादत है और यह जायज और हलाल है।

बकौल पीड़ित बालिका के मुताबिक सभी को एक बिल्डिंग में रखा जाता था और बाद में उन्हें उनके नाम से एक-एक कर बुलाया जाता और बाद में बुर्के और दुप्पटे उतरवाकर रेपेस्ट के हवाले कर दिया जाता था। उन्होंने मुझे घूमने को कहा, ताकि वो मेरे शरीर का मुआयना कर सकें।

उसने बताया कि बंधकों से बेहद निजी सवाल पूछे जाते। यहां तक कि लड़कियों से पीरियड की पिछली डेट भी पूछी जाती थी। उन्हें खरीदने से पहले यह मालूम किया जाता कि कहीं वे प्रेग्नेंट तो नहीं हैं। आतंकियों का मानना था कि शरीयत में प्रेग्नेंट गुलामों के साथ सेक्स करने की मनाही है। इन आतंकियो ने तो जैसे दहशतगर्दी की हद की पार कर दी है।