पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को अमेरिका से बचाने के लिए पिछले साल तालिबान का उप सरगना बना दिया। समाचार पत्र ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार अफगानिस्तान और अमेरिका के अधिकारियों ने कहा कि ‘डरे हुए हक्कानी आतंकी नेटवर्क का तालिबान के नेतृत्व के साथ निकट एकीकरण इस साल अफगान में आतंकवाद का बदलता हुआ स्वरूप है।’

अखबार की रिपोर्ट में पूर्व खुफिया सेवा प्रमुख रहमतुल्ला नबील के हवाले से कहा गया है कि ‘आईएसआई सिराजुद्दीन को तालिबान के उप नेता के तौर पर लाई ताकि उसकी रक्षा की जा सके। ऐसे में अगर शांति वार्ता गंभीर स्थिति में आती है तो अमेरिकी यह नहीं कह पाएंगे कि हम नेता के साथ बातचीत करेंगे, लेकिन उप नेता के साथ नहीं।’

घायल अफगान सैनिकों के लिए काम कर रहे नबील ने कहा कि दोनों संगठनों का विलय इस तथ्य के संदर्भ में किया गया है कि हक्कानी नेटवर्क साल 2013 में इस्लामाबाद के निकट अपने एक प्रमुख नेता के मारे जाने के बाद से वित्तीय रूप से संघर्ष कर रहा था तथा तालिबान जटिल हमलों को अंजाम देने के लिए हक्कानी नेटवर्क की जरूरत है।

अफगानिस्तान में अमेरिका एवं नाटो बलों के मुख्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल चार्ल्स क्लेवलैंड ने कहा, ‘‘सिराजुद्दीन हक्कानी तालिबान के लिए रोजमर्रा के आतंकी अभियान चलाता है और हमारा मानना है कि वह छद्म गर्वनर की नियुक्ति में भी शामिल हो सकता है।’’

हक्कानी नेटवर्क के पूर्व कमांडर मौलवी सरदार जादरान ने कहा कि हक्कानी की तालिबान गर्वनर की नियुक्ति में प्रमुख भूमिका है।