आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने कहा है कि उसने एक चीनी और एक नॉर्वे वासी बंधक की हत्या कर दी है। वहीं, सीरिया में आइएस के गढ़ पर फ्रांस और रूस के हवाई हमलों में 33 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। आतंकवादियों की अंग्रेजी भाषा की पत्रिका दाबिक में दो शवों की ग्राफिक तस्वीर छपी है। ये शव चीनी बंधक फान जिंघुई और नॉर्वे वासी बंधक ओले जोहान ग्रिम्सगार्ड ओफस्ताद के प्रतीत होते हैं। फोटो के कैप्शन में लिखा है, ‘‘काफिर देशों और संगठनों द्वारा त्याग दिए जाने के बाद उनकी हत्या कर दी गई।’’
यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब और कहां मारा गया, लेकिन उनके सिर खून से लथपथ दिखे। ऐसा प्रतीत होता है कि उनके सिरों पर गोली मारी गई। बंधकों की हत्या की खबर फ्रांस की धरती पर अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमलों में पेरिस में 129 लोगों के मारे जाने के बाद आई है।
रूस ने यह पुष्टि करने के बाद सीरिया में आइएस के खिलाफ ताजा हवाई हमले शुरू कर दिए हैं कि पिछले महीने मिस्र में उसके यात्री विमान को ‘‘आतंकी हमले’’ में गिराया गया था।
नॉर्वे के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि आइएस द्वारा प्रदर्शित तस्वीरें ‘‘यह दिखाती प्रतीत होती हैं कि बंधक ओले जोहान ग्रिम्सगार्ड ओफस्ताद की हत्या कर दी गई है। हम अब भी इसकी जांच कर रहे हैं।’’
चीन सरकार ने बृहस्पतिवार को अपनी वेबसाइट पर एक बयान में फान की ‘अमानवीय’ मौत की पुष्टि की और उसके हत्यारों को न्याय के कठघरे में लाने का संकल्प किया। प्रवक्ता होंग लेई ने कहा कि आतंकी संगठन के मन में मानव जीवन के प्रति कोई सम्मान और नैतिकता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘वे अब भी हिंसा के अपने बर्बर कृत्यों को जारी रखे हुए हैं। चीन सरकार अमानवीय अत्याचार की कड़ी निंदा करती है, हमें इन अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए।’
दाबिक के सितंबर संस्करण में आईएस के ‘विज्ञापन’ में दोनों लोगों को दर्शाते हुए कहा गया था कि वे ‘बेचे जाने के लिए’ हैं।
वहीं, रविवार से रूस और फ्रांस ने ताबड़तोड़ हवाई हमलों में उत्तरी सीरिया के रक्का शहर में आइएस के शस्त्रागारों, बैरकों और अन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार 72 घंटों के हमलों में ‘‘आइएस के 33 लोग मारे गए हैं और अनेक घायल हुए हैं।’’