पश्चिमी इराक में इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा सड़क किनारे लगाए गए एक बम की चपेट में आने से तीन बाल चरवाहों की मौत हो गई। बच्चों में से एक का पैर बम पर पड़ गया था जिसके कारण उसमें विस्फोट हो गया। मेयर शेरहाबील अल ओबीदि ने कहा, ‘अल बगदादी में दाएश द्वारा लगाए गए आईईडी में विस्फोट होने से आज (सोमवार, 20 फरवरी)) तीन बच्चों की मौत हो गई।’ उन्होंने बताया कि पीड़ितों की आयु नौ से 13 वर्ष के बीच है। बगदाद से करीब 180 किलोमीटर पश्चिमोत्तर अल बगदादी के उत्तर में जब विस्फोट हुआ, उस समय बच्चे भेड़ चरा रहे थे।
एक स्थानीय पुलिस मेजर ने कहा, ‘उनकी घटनास्थल पर मौत हो गई। एक पुलिस इकाई विस्फोट स्थल पर गई और शवों को शवगृह लेकर आई।’ अल बगदादी के कुछ हिस्सों पर आईएस जिहादियों का कब्जा है जिन्होंने वर्ष 2014 में करीब एक तिहाई इराक पर नियंत्रण कर लिया था।
इराक: बग़दाद में कार बम विस्फोट, 39 लोग मारे गए 61 से ज़्यादा घायल
इराक की राजधानी बगदाद के दक्षिणी हिस्से के एक बाजार में गुरुवार (16 फरवरी) को हुए कार बम विस्फोट में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर शेयर की गई मोबाइल फोन की फुटेज में क्षत-विक्षत शव और बाया इलाके में तबाही का मंजर दिख रहा है। विस्फोट स्थानीय समयानुसार शाम 4:15 बजे हुआ। तीन दिनों के भीतर इराक में यह तीसरा ऐसा हमला हुआ है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में 39 लोग मारे गए और 61 घायल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमले इतना भयावह था कि हालात से निपटने में आपात सेवाओं को संघर्ष करना पड़ा। अस्पताल के अधिकारियों ने हमले में मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है। इस्लामिक स्टेट ने एक बयान में शुक्रवार (17 फरवरी) को कहा कि उसके लड़ाकों ने शिया लोगों की भीड़ के बीच खड़ी कार में बम का धमाका किया। उसने ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस हमले की निंदा की है।
पाकिस्तान: सेहवान की कलंदर सूफ़ी दरगाह में ISIS का आत्मघाती हमला, 100 की मौत
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार (16 फरवरी) रात आईएसआईएस के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में करीब 100 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है। हमलावर ‘सुनहरे गेट’ से दरगाह के भीतर दाखिल हुआ और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन वह नहीं फटा। पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म ‘धमाल’ के दौरान हुआ।
विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे। सहवान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘उसने अफरा-तफरी मचाने के लिए पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उड़ा लिया।’ सहवान थाने के एसएचओ रसूल बख्श ने संवाददाताओं को बताया कि करीब 100 लोगों की मौत हो गई जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। एदी फाउंडेशन के फैसल एदी ने इस बात की पुष्टि की है कि 60 शवों को हैदराबाद और जमशोरो के अस्पताल में ले जाया गया है।

