इरान ने गुरुवार (20 जून 2019) को अमेरिका का ड्रोन मार गिराया। न्यूक्लियर डील पर जारी तनाव के बीच दोनों देशों के बीच मतभेद और बढ़ना तय है। मामले पर अमेरिका की सेना अबतक कोई जवाब नहीं दिया है।
इरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने अमेरिका के आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन को मारा गिराया। आईआरजीसी ने बताया ड्रोन पर उस वक्त हमला किया गया जह वह दक्षिणी ईरान के होर्मोजोअन प्रांत के कौमोबारक जिले के पास ईरानी हवाई क्षेत्र में घुस रहा था।। कौमोबारक तेहरान से लगभग 1,200 किलोमीटर (750 मील) दक्षिण-पूर्व में होमरुज स्ट्रेट के करीब है।
यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने इरान पर उनके ड्रोन पर मिसाइल हमला करने का आरोप लगा चुका है। बीते हफ्ते ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर भी हमले किए गए थे लेकिन यह हमले किसने किए थे इसके बारे में साफ नहीं हो सका। हालांकि अमेरिका ने हमले के लिए इरान को जिम्मेदार ठहराया।
जिसके बाद ईरान ने अमेरिका के इन आरोपों को ‘‘निराधार’’ करार देते हुए कहा कि वॉशिंगटन ‘‘लोकतंत्र का गला घोंटने’’ की कोशिश कर रहा है। विदेश मंत्री जवाद जरीफा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अमेरिका ने बिना किसी तथ्यात्मक या परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के ईरान पर आरोप लगाने में जल्दबाजी की।’’ उन्होंने लिखा, यह दर्शाता है कि ‘बी टीम’ लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए अब ‘प्लान बी’ की ओर बढ़ रही है…।
मालूम हो कि वाशिंगटन और तेहरान के संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इरान न्यूक्लियर डील को रद्द करने के बाद से ही तनावपूर्ण हैं। अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने पर भी कई देशों पर प्रतिंबध लगाया हुआ है।