ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने महिलाओं को लेकर बयान दिया है। बुधवार को एक ट्वीट में उन्होंने महिलाओं को नाजुक फूल बताया और परिवार में उनकी भूमिका पर जोर देते हुए उनके साथ देखभाल और सम्मान से पेश आने का आह्वान किया।
खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महिला एक नाजुक फूल है कोई नौकरानी नहीं। महिला को घर में फूल की तरह माना जाना चाहिए। फूल की देखभाल की जानी चाहिए।”
वहीं, एक और ट्वीट में खामेनेई ने लैंगिक भूमिकाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “परिवार में महिलाओं और पुरुषों की भूमिकाएं अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए, पुरुष परिवार के खर्चों के लिए ज़िम्मेदार होता है, जबकि महिला बच्चे पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार होती है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे श्रेष्ठ हैं। वे अलग-अलग गुण हैं, और पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की गणना इनके आधार पर नहीं की जाती है।”
ईरान में हिजाब कानून पर बवाल
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उनकी सरकार ईरान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय जांच का सामना कर रही है, खासतौर पर सख्त हिजाब कानूनों पर दुनियाभर में आलोचना के बाद। हाल ही में, ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने घरेलू और वैश्विक आलोचना के बीच कानून में अस्पष्टता का हवाला देते हुए विवादास्पद हिजाब और शुद्धता कानून को लागू करना स्थगित कर दिया। मानवाधिकार संगठनों ने महिलाओं के संबंध में ईरान की नीतियों की निंदा की है और अधिकारियों पर दमन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
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ईरान ने विवादास्पद हिजाब कानून वापस लिया
जिसके बाद ईरान ने विवादास्पद हिजाब कानून को वापस ले लिया है। दुनियाभर में इस कानून की लगातार निंदा की जा रही थी। कुछ दिन पहले एक महिला गायक को बिना हिजाब के परफॉर्मेंस देने पर गिरफ्तार कर लिया था। ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने विवादास्पद हिजाब कानून के कार्यान्वयन को रोक दिया है, यह कानून शुक्रवार को लागू होने वाला था।
राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कानून के बारे में कहा कि इसमें सुधार की आवश्यकता है। पेजेशकियान ने इस साल की शुरुआत में अपने राष्ट्रपति अभियान के दौरान हिजाब को लेकर देश में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह वे अतीत में महिलाओं के सिर से हिजाब को जबरन नहीं हटा सकते थे, उसी तरह अब वे इसे उन पर थोप नहीं सकते। हमें अपनी महिलाओं और बेटियों पर अपनी इच्छा थोपने का कोई अधिकार नहीं है।
इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका और इजरायल पर सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को गिराने और ईरान को देश से बाहर निकालने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है। पढ़ें- सीरिया में अब क्या होने वाला है, असद के एग्जिट के बाद किस दिशा में आगे बढ़ेगा मुल्क?