ईरान ने साल 2017 में देश में हुए प्रदर्शनों को हवा देने के आरोप में एक पत्रकार को फांसी दे दी है। पत्रकार रूहुल्ला जम के ऑनलाइन कार्य से 2017 में आर्थिक स्थिति को लेकर हुए प्रदर्शनों को हवा देने में मदद मिली थी। ईरान के सरकारी टीवी और सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने कहा कि जम को शनिवार सुबह फांसी दी गई। जून में एक अदालत ने जम को मौत की सजा सुनाई थी। उन्हें ‘धरती पर भ्रष्टाचार’ (फसाद) का दोषी ठहराया गया था। इस आरोप का इस्तेमाल अक्सर जासूसी मामलों या ईरानी सरकार का तख्ता पलटने की कोशिश के मामलों में किया जाता है।
जम की वेबसाइट ‘आमदन्यूज’ और संदेश भेजने वाले ऐप ‘टेलीग्राम’ पर बनाए गए एक चैनल ने प्रदर्शनों के समय के बारे में जानकारी का प्रसार किया और अधिकारियों के बारे में भी जानकारी दी जिससे ईरान के शिया धर्मतन्त्र को सीधी चुनौती मिली। प्रदर्शन 2017 के अंत में शुरू हुए थे जो 2009 के ‘ग्रीन मूवमेंट’ प्रदर्शन के बाद ईरान में सबसे बड़े प्रदर्शन थे।
उल्लेखनीय है कि इस साल जुलाई में भी ईरान ने रक्षा मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी को फांसी की सजा दी थी। तब रेजा असगरी को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए जासूसी कराने का दोषी पाया गया था। तब कोर्ट के प्रवक्ता घोलमहोसिन इस्माइली ने कहा था कि असगरी हवाई विभाग में काम करते थे और 2016 में रिटायर हए थे। इस्माइली के मुताबिक अपनी सेवा के आखिरी सालों में वो सीआईए में शामिल हो गए और अमेरिका को पैसे के बदले मिसाइल कार्यक्रमों की खुफिया जानकारी बेची।
ईरान में इसके पहले जून में एक कथित अमेरिकी जासूस को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जलाल हाजीजावर को तेहरान की जेल में फांसी की सजा दी गई। उन्होंने कोर्ट में स्वीकार किया था कि सीआईए की जासूसी के लिए पैसों मिले थे। साल 2016 में ईरान ने अमेरिका के लिए जासूसी करने वाले एक परमाणु वैज्ञानिक को भी मौत की सजा दी थी। (एजेंसी इनपुट)

