अमेरिका और इस्राइल के लिए जासूसी करने के आरोप में ईरान में एक नागरिक को फांसी की सजा दी गई है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी IRIB ये जानकारी दी है। इसके मुताबिक बीते महीने कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार महमूद मोस्वी-मज्द ने रिवॉल्युशनरी गार्ड के कमांडर कासिल सुलेमानी की जासूसी की थी।

हालांकि अमेरिकी हमले में सुलेमानी की मौत से पहले ये मामला इससे जुड़ा हुआ नहीं था। मोस्वी-मज्द को साल 2018 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल तीन जनवरी को अमेरिकी ड्रोन हमले सुलेमानी मारे गए थे। कासिम सुलेमानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स फोर्स के लीडर थे। अमेरिका का आरोप था कि कासिम सुलेमानी क्षेत्र में अमेरिकी सेनाओं पर हमले के लिए जिम्मेदार थे।

फांसी की सजा ऐसे समय पर दी गई है कि जब पिछले साल नवंबर में सरकार विरोधी प्रदर्शन के शामिल होने के आरोप में तीन पुरुषों को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके लाखों ईरानी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था। बाद में मौत की सजा पर रोक लगा दी गई। तीनों आरोपियों में से एक के वकील बाबक पाकनिया ने रविवार को यह जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि तीनों को फांसी देने का उद्देश्य भविष्य में प्रर्दशनकारियों को डराना था।

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उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईरानी न्यायपालिका ने रक्षा मंत्रालय के उस पूर्व कर्मचारी रेजा असगरी को मौत के घाट उतार दिया जिन्हें अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया था।

तब न्यायपालिका के प्रवक्ता मोहसिन एस्मेइली ने कहा कि असगरी हवाई विभाग में काम करते थे और वह साल 2016 में रिटायर हुए थे। अपने अंतिम सालों में वह सीआईए में शामिल हो गए और अमेरिका से पैसे लेकर मिसाइल कार्यक्रमों की खुफिया जानकारी बेची।