पाकिस्तान में रविवार (9 मार्च, 2020) को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को मार्च निकालने की कोशिश करना खासा मंहगा पड़ गया। इन महिलाओं पर पत्थर बरसाए गए, जिससे मार्च में हिस्सा ले रहीं कई महिलाएं बुरी तरह घायल हो गईं। एक पाकिस्तानी टीवी चैनल की खबर के मुताबिक दरअसल ये महिलाएं ‘पितृसत्ता’ के खिलाफ मार्च में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद स्थित प्रेस क्लब के पास इकट्ठा हुईं। मार्च शुरू होने के बाद महिलाएं थोड़ी ही दूर पहुंची थी तभी कुछ पुरुषों की भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। कुछ महिलाओं को छड़ी से भी पीटा गया।
मशहूर पत्रकार नायला इनायत ने इस बाबत एक वीडियो शेयर कर घटना से जुड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘इस्लामाबाद में लाल मस्जिद के गुंडों ने महिलाओं पर हमला किया। उनपर पत्थर बरसाए गए।’ उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर लिखते हैं, ‘पाकिस्तान में भी इस्लाम खतरे में है।’ एमी @AmyToor2 लिखती हैं, ‘महिलाओं पर पत्थरबाजी उनके खून में है।’
सिन्हारन @sinhrann लिखते हैं, ‘पांच वक्त की नमाज की तरह पत्थरबाजी भी ऐसे लोगों के धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है।’ सौरभ माथुर @SaurabhM67 लिखते हैं, ‘ये तो पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल है।’ इसी तरह विशाल कोठारी @vkvishalkothari लिखते हैं, ‘एक महिला की बजाय पाकिस्तान में गधे के रूप में पैदा होना बेहतर है। कम से कम सरकार गधों का तब तक तो ध्यान रखती है जब तक उन्हें चीन को नहीं बेच देती।’
यहां देखें ट्वीट-
Lal Masjid goons attack, pelt stones at the Aurat March protesters in Islamabad. pic.twitter.com/Qir8xTTPei
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) March 8, 2020
उल्लेखनीय है कि महिलाओं के मार्च के दौरान सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई थी। खबर के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने हालात को काबू में करने की कोशिश भी की और कुछ देर के लिए एफ6 रोड के ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया। इसके बाद महिलाओं को डी-चौक तक मार्च निकालने की अनुमति दे दी गई। मार्च में शामिल में एक महिला ने बताया, ‘मुझे विश्वास नहीं होता कि हम पर हमला किया गया।’ उन्होंने पाकिस्तान की समा डिजिटल वेबसाइट को बताया, ‘हमने डिप्टी कमिश्नर से एनओसी ली थी।’
दूसरी तरफ मार्च के आयोजकों ने बताया कि महिलाओं द्वारा ‘मेरा जिस्म, मेरी मर्जी’ के नारे लगाने के खिलाफ JUI-F और लाल मस्जिद से जुड़े लोगों को महिलाओं के मार्च पर चिल्लाते हुए देखा गया। बता दें कि महिलाओं के इस मार्च को ‘औरत मार्च’ का नाम दिया गया है, इस नाम से ट्विटर पर अकाउंट भी है, जिसने घटना के बाद ट्वीट कर लिखा, ‘मुल्ला ‘औरत आजादी मार्च’ के प्रतिभागियों पर पत्थरबाजी कर रहे हैं जो एक शांतिपूर्ण मार्च था।’