सिंगापुर में एक प्रमुख सुपरमार्केट ने रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए मुफ्त इफ्तार पैकेट बांटने की पहल की है। एक इफ्तार स्टेशन बनाया गया है जहां कोई भी रोजेदार मुफ्त इफ्तार पैकेट हासिल कर सकता है।
लेकिन सुपरमार्केट की यह पॉज़िटिव पहल तब निशाने पर आ गयी जब सुपरमार्केट के एक कर्मचारी ने एक भारतीय मूल के मुस्लिम जोड़े को उस हिस्से से भगा दिया जहां मुफ्त इफ्तार दिया जाता है। हालांकि सुपरमार्केट ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी कर माफी मांगी है।
चैनल न्यूज़ एशिया के मुताबिक 36 वर्षीय जहाबर शालिह और 35 वर्षीय उनकी पत्नी फराह नाद्या ने कहा कि 9 अप्रैल को नेशनल ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस (NTUC) द्वारा चलाए जा रहे सुपरमार्केट में एक पुरुष कर्मचारी ने उन्हें स्नैक स्टैंड से बदतमीजी कर दूर भगा दिया था। वह अपने बच्चों के साथ खरीददारी करने यहां पहुंचे थे।
हुआ क्या था?
जहाबर शालिह भारतीय हैं वहीं उनकी पत्नी फराह भारतीय-मलय हैं। फराह ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में इस घटना का जिक्र किया था।
जहाबर ने सोमवार को चैनल को बताया कि उनकी पत्नी के कहने पर उन्होंने सुपरमार्केट में इफ्तार बाइट्स स्टेशन की ओर रुख किया था। फेयरप्राइस ग्रुप ने 23 मार्च को अपना इफ्तार बाइट स्टेशन शुरू किया था, जिसमें रमजान के महीने में मुस्लिम ग्राहकों को अपने 60 आउटलेट्स पर स्नैक्स या खजूर की मुफ्त पेशकश की गयी थी। इस पहल के जरिए मुस्लिम ग्राहकों को इफ्तार से 30 मिनट पहले और बाद में डिब्बाबंद ड्रिंक और रमजान के दौरान शाम की नमाज के बाद लिया जाने वाला भोजन दिया जाता है। इन्हें सुपरमार्केट में टेबल पर रखा जाता है जिसमें साफ निर्देश है कि रोजेदार वहां से यह कॉम्प्लिमेंट्री स्नैक्स हासिल कर सकते हैं।
जहाबर शालिह ने कहा कि वह सिर्फ इफ्तार बाइट्स स्टेशन के बोर्ड को पढ़ रहे थे लेकिन वहां मौजूद एक कर्मचारी ने उनके साथ बहुत खराब व्यवहार किया और उन्हें वहां से जाने के लिए कहा। जहाबर शालिह कहते हैं “मैं बोर्ड पर जो कुछ था उसे पढ़ने के लिए बस चला गया क्योंकि मुझे लगा कि यह एनटीयूसी द्वारा एक उठाया गया एक अच्छा कदम है, जैसे ही मैंने इसे पढ़ना शुरू किया, एनटीयूसी के एक कर्मचारी ने मुझसे संपर्क किया और कहा ‘No India, only Malay’, मुझे यह सुनकर अजीब महसूस हुआ। वह लगातार यह कह रहा था कि भारतीय यह नहीं ले सकते हैं।
जब जहांबर ने पुरुष कर्मचारी से पूछा कि उसका क्या मतलब है, तो वह व्यक्ति, जिसकी पहचान नहीं हो सकी, ने केवल यही दोहराया कि “भारतीय नहीं ले सकते”। जहाबर आगे कहते हैं “मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि भारत में भी मुसलमान होते हैं, वह कह रहे थे कि उन्हें ऊपर से इसके निर्देश मिले हैं”
सुपरमार्केट का बयान “इफ्तार सबके लिए है”
सुपरमार्केट ने इस मामले को लेकर माफी मांगते हुए बयान जारी कर कहा है कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और इस घटना के लिए माफ़ी मांगना चाहेंगे। हमने कर्मचारी की काउंसलिंग भी की है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि रमजान के महीने में सभी मुस्लिम ग्राहकों को इफ्तार पैक मुफ्त दिया जाता है।