Singapore: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे की वजह से सिंगापुर की चर्चा हर तरफ है। पीएम यहां पर अब छठी बार पहुंचे। सिंगापुर एक छोटा सा टापू देश है और भारत में इसके जैसे 4,571 सिंगापुर समा सकते हैं। सिंगापुर का नाम दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट में चौथे नंबर पर आता है। आइए अब जानते हैं कि कैसे एक हिंदू राजा जो चीन को जीतने के लिए निकला था उसने सिंगापुर पर अपना कब्जा कर लिया।

सिंगापुर की नेशनल लाइब्रेरी बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, सिंगापुर एक वीरान द्वीप हुआ करता था। यह छठी सदी में श्रीविजय के अधीन था। उस समय सिंगापुर को तेमासेक के नाम से जाना जाता था। ग्यारहवी सदी में भारत के चोल साम्राज्य के राजा राजेंद्र चोल ने चीन की तरफ अपनी निगाहें टेढ़ी कर ली और उसे जीतने की ठान ली। मलय दस्तावजों के मुताबिक, राजेंद्र चोल कलिंग के राजा शूलन के साथ मिलकर चीन पर हमला करने के लिए निकल गए थे। उन्हें उस समय यह भी अंदाजा नहीं था कि चीन की भौगोलिक स्थिति कहां पर है।

क्यों बदला हिंदू राजा का विचार?

दोनों ने रास्ते में आने वाले श्रीविजय साम्राज्य को भी करारी शिकस्त दे दी और जब इस बात की जानकारी चीन के सोंग राजवंश तक जा पहुंची तो वे काफी डर गए। चीनियों ने युद्ध से बचने के लिए एक तरीका निकाला। उन्होंने अपने यहां के कुछ बूढ़े लोगों को राजेंद्र चोल के पास में भेजा और राजा ने जब उनसे पूछा कि चीन अभी कितना दूर है तो उन्होंने कहा कि चीन तो इतना दूर है कि जब वे घर से निकले थे तो जवान थे और अब बूढ़े हो गए। तब कहीं पर जाकर चीन की जमीन मिली। उन्होंने कहा कि इतनी दूर तक सेना ले जाना आसान नहीं है।

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सिंगापुर नाम कैसे पड़ा

शूलन और चोल ने चीन पर जीत हासिल करने का ख्वाब छोड़ दिया। राजेंद्र चोल वापस लौटकर घर आ गए। वहीं राजा शूलन ने श्रीविजय साम्राज्य की राजकुमारी किउ से विवाह रचा लिया और वहीं पर बस गए। राजा शूलन के वंशज सांग फिर साल 1299 में तेमासेक द्वीप पर जा पहुंचे। इस जगह पर उन्हें एक शेर दिखाई दिया और लोगों ने बताया कि यह सिंह है और इसे जंगल का राजा कहा जाता है। इसी के नाम पर इस द्वीप का नाम सिंहपुर यानी कि शेरों का नगर रख दिया। यही नाम आगे जाकर सिंगापुर के नाम से जाना जाने लगा। अब शेर सिंगापुर का चिन्ह बन चुका है। देश से जुड़ी काफी सारी चीजों पर शेर की तस्वीर देखी जा सकती है।

पीएम मोदी भारत में कई सिंगापुर क्यों बनाना चाहते हैं

पीएम मोदी भारत को सिंगापुर इस वजह से बनाना चाहते हैं कि सिंगापुर को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का हब माना जाता है। विश्व के 10 फीसदी सेमीकंडक्टर मार्केट पर भी सिंगापुर की ही धाक है। मोदी सरकार सेमीकंडक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गुजरात और असम में भी सेमीकंडक्टर चिप्स के प्लांट लगाने जा रही है। पीएम मोदी ने सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की है। संबंधित खबर के लिए यहां क्लिक करें…