अज्ञात भारतीय हैकर्स द्वारा 17 लाख स्नैपचैट यूजर्स की निजी जानकारी सार्वजनिक करने का मामला सामने आया है। ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट ने यह खबर दी है। बताया जाता है कि स्नैपचैट के सीईओ इवान स्पीगल के कथित तौर पर भारत को गरीब देश बताने के जवाब में यह कार्रवाई हुई है। हालांकि स्नैपचैट ने हैकिंग और गरीब देश वाले बयान दोनों को नकारा है। उसकी ओर से कहा गया कि स्पीगल ने ऐसा कभी नहीं कहा कि उनकी ऐप केवल अमीरों के लिए है और भारत जैसे गरीब देशों के लिए नहीं हैं।
अमेरिका में स्नैपचैट के खिलाफ उसके एक पूर्व कर्मचारी द्वारा दायर कानूनी मामले को लेकर छपी एक रिपोर्ट में स्पीगल का यह अपुष्ट बयान आया है। पूर्व स्नैपचैट कर्मचारी एंथनी पोम्पिलानो ने अपने केस में दावा किया कि स्पीगल ने एक बार कहा था, ”यह एप केवल अमीरों के लिए है… मैं इसे भारत और स्पेन जैसे गरीब देशों तक नहीं फैलाना चाहता।” यह रिपोर्ट सामने आते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारतीयों ने लगातार स्नैपचैट और स्पीगल को निशाना बनाया। बता दें कि इस तरह का बयान देने की खबर सामने आने के बाद भारतीय यूजर्स ने स्नैपचैट ऐप को विरोधस्वरूप अनइंस्टॉल करना शुरू कर दिया। साथ ही इसकी रेटिंग भी नीचे कर दी। एपल स्टोर में स्नैपचैट की रेटिंग फाइव स्टार से वन स्टार रह गई।
सोशल मीडिया पर #UninstallSnapchat और #BoycottSnapchat जैसे कैंपेन शुरू हुए। मामला सामने आने के बाद स्नैपचैट के प्रवक्ता ने बताया, ”यह बकवास है। यह तय है कि स्नैपचैट सभी के लिए हैं। यह पूरी दुनिया में फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। इस तरह के शब्द एक नाराज पूर्व कर्मचारी ने कहे थे। हम भारत और दुनियाभर के हमारे स्नैपचैट के यूजर्स के आभारी हैं।” एक अनुमान के अनुसार, लगभग 30 करोड़ लोग महीने में एक बार इस ऐप का उपयोग जरूर करते हैं। इसके जरिए हर रोज 2.5 बिलियन स्नैप्स भेजे जाते हैं। साल 2013 में स्नैपचैट ऐप के 46 लाख अकाउंट्स हैक कर लिए गए थे। इसके बाद कंपनी की ओर से माफी मांगी गई थी।