म्यांमार में मिलिटेंट ग्रुप ULFA (I) ने दावा किया है कि उनके टॉप लीडर रविवार सुबह एक ऑपरेशन में मारे गए। इस मिलिटेंट संगठन ने भारतीय सेना को लेकर कहा है कि उन्होंने एक ऑपरेशन में इन लीडर्स को मौत के घाट उतारा। लेकिन भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि उनकी तरफ से ऐसा कोई ऑपरेशन नहीं चलाया गया, उन्हें ऐसे किसी भी ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं है।

आखिर पूरा विवाद क्या है?

उल्फा (I) ने ए जारी बयान में कहा है कि भारतीय सेना ने रविवार सुबह म्यामांर में उनके कैंप्स पर हमला किया, ड्रोन के जरिए यह वार हुआ। संगठन के मुताबिक देर रात 2 से 4 के बीच में यह ड्रोन अटैक किया गया और उसमें लेफ्टिनेंट जनरल नयान मेधी उर्फ नायन एसोम की जान गई, इसके अलावा 19 लोग घायल भी हुए। एक और बयान में कहा गया कि मिसाइल अटैक में ब्रिगेडियर गणेश एसोम और कर्नल प्रदीप एसोम को भी मार दिया गया।

भारतीय सेना ने क्या कहा?

मिलिटेंट संगठन के ईशान एसोम ने जवाबी कार्रवाई की धमकी तक दे दी है। कहा गया है कि फाइटर जेट की मदद से लगातार ऐसे हमले हो रहे हैं। हमने असम के लोगों को बता दिया है कि बदला लेने का हमें हक है। अब एक तरफ जवाबी कार्रवाई की बात हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारत में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने साफ कर दिया है कि उनके पास ऐसा कोई इनपुट नहीं है कि भारतीय सेना ने ऐसा कोई ऑपरेशन चलाया हो।

सीएम हिमंता का भी बयान आया

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी ऐसे किसी हमले से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि असम पुलिस इसमें किसी भी रूप से शामिल नहीं है और कोई भी ऑपरेशन असम की धरती से नहीं किया गया। अगर ऐसा कोई हमला होता भी है तो भारतीय सेना सामने से बयान जारी करती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है। शायद बात इस मामले में और ज्यादा स्पष्टता आएगी।

अब यहां पर जिस उल्फा का जिक्र हो रहा है उसे परेश बारुहा चलाता है, म्यांमार में उसके कई कैंप मौजूद हैं। इस संगठन ने ही 2023 में केंद्र और असम की राज्य सरकार के साथ पीस पैक्ट साइन किया था।

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