India Stops Taking Russian Oil Delivered: बीते दो सालों से ज्यादा समय से रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। बहुत सारे पश्चिमी देशों ने रूस के साथ अपना नाता तोड़ दिया है। कई देश पुतिन के राष्ट्र के साथ व्यापारिक सबंधों पर भी रोक लगा चुके हैं। अब भारत की तरफ से भी मित्र राष्ट्र रूस को बड़ा झटका लगा है। भारत के सभी रिफाइनर ने पीजेएससी सोवकॉम्फ्लोट टैंकरों पर ले जाए जाने वाले रूसी कच्चे तेल को लेने से इनकार कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, इस हफ्ते की शुरुआत में कहा गया था कि भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज जो दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स को चलाती है, हाल के अमेरिकी प्रतिबंधों को देखते हुए शिपर सोवकॉमफ्लोट की ओर से संचालित टैंकरों पर लदे रूसी तेल को नहीं खरीदेगी। कहा जा रहा है कि टैंकर की कड़ी जांच से रूसी तेल ले जाने वाले अन्य तेल जहाज भी बुरी तरह फंस गए हैं।
कंपनियों से नहीं मिल रहा कोई भी जवाब
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और नायरा एनर्जी लिमिटेड रूस की रोसनेफ्ट पीजेएससी के स्वामित्व वाली 49 फीसदी हिस्सेदारी ने टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया है। वहीं सोवकॉम्फ्लोट ने भी अपनी परिचालन गतिविधियों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बता दें कि पिछले महीने अमेरिका की बाइडेन सरकार ने जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नेवेलनी की मौत के बाद रूस के खिलाफ 500 नए प्रतिबंधों का ऐलान किया था। नवलनी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक थे।
भारत और रूस के व्यापार में आई थी तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहली छमाही में भारत ने लगभग 63.86 अरब डॉलर का कच्चा तेल आयात किया। भारत ने जितना कच्चा तेल रूस से आयात किया, अगर रूस के बजाय किसी दूसरे देश से तेल खरीदा जाता तो भारत को इसी तेल के लिए लगभग 67.14 अरब डॉलर की कीमत चुकानी पड़ती। अब अगर बात मात्रा की जाए तो भारत ने अप्रैल से सितंबर के बीच रूस से कुल 817.35 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात किया। अप्रैल-सितंबर के बीच भारत ने लगभग 22.84 अरब डॉलर का तेल रूस से खरीदा है। वहीं, मात्रा देखी जाए तो भारत ने रूस से 317.96 मिलियन बैरल तेल खरीदा।