India strong reply to Pakistan in United Nations: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश (Parvathaneni Harish) ने पाकिस्तान की पुरानी आदत पर तंज कसते हुए उसे करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का अनुचित संदर्भ देकर वही घिसी-पिटी रट लगाई है, लेकिन यह सच नहीं बदलेगा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। उन्होंने पाकिस्तान की दोगली नीतियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाने से न तो उनके दावे की पुष्टि होगी और न ही उनकी आतंकवाद को समर्थन देने वाली करतूतें छिपेंगी।

धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता का गढ़ बना पाक

हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी सोच किसी से छिपी नहीं है। यह देश खुद धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता का गढ़ बन चुका है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में दो टूक कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, जहां अल्पसंख्यकों पर हमले आम बात हो गई है। भारत के प्रतिनिधि ने इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई की बात करते हुए साफ किया कि यह केवल एक धर्म विशेष की नहीं, बल्कि सभी तरह के धार्मिक भेदभाव के खिलाफ व्यापक संघर्ष है।

संयुक्त राष्ट्र के इस मंच पर हरीश ने उन देशों पर भी निशाना साधा, जो धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा को रोकने के लिए सभी देशों को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि देशों को अपने नागरिकों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, न कि ऐसी नीतियां अपनानी चाहिए जो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दें।

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उन्होंने पाकिस्तान की शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाया, जो कट्टरता को बढ़ावा देती है और रूढ़िवादी सोच को मजबूत करती है। हरीश ने कहा कि इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई तभी सफल हो सकती है जब सभी देशों में धार्मिक सहिष्णुता और समानता को बढ़ावा मिले। पाकिस्तान, जो खुद धार्मिक अल्पसंख्यकों को दबाने में लगा रहता है, उसे दूसरों को ज्ञान देने से पहले अपने हालात सुधारने चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की इस सख्त प्रतिक्रिया ने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोल दी। कश्मीर का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान भले ही खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करे, लेकिन सच्चाई यही है कि उसका असली मकसद सिर्फ आतंकवाद को बचाना है। भारत ने साफ कर दिया कि दुनिया अब पाकिस्तान की इन नौटंकियों से वाकिफ हो चुकी है, और अब उसका झूठ ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा।