Nuclear Installation: भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) ने रविवार को अपने उन परमाणु ठिकानों की सूची एक दूसरे को सौंपी है जिन पर शत्रुता बढ़ने की स्थिति में हमला नहीं किया जा सकता। ऐसा 32 साल के अभ्यास को जारी रखते हुए किया गया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी इससे जुड़ा एक बयान साझा किया है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) ने आज नई दिल्ली (New Delhi) और इस्लामाबाद (Islamabad) में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले को रोकने तहत यह समझौता किया है।
समझौते के तहत क्या हुआ है ?
इस समझौते के तहत भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) ने रविवार को अपने एटमी संस्थानों की सूची एक-दूसरे के साथ साझा की है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने बयान देते हुए कहा कि यह सिलसिला पिछले 32 साल से चल रहा है। भारत-पाकिस्तान परमाणु संस्थानों और सुविधाओं पर हमला नहीं करने के समझौते के तहत यह लिस्ट साझा करते हैं।
यह प्रक्रिया नई दिल्ली (New Delhi) और इस्लामाबाद में कूटनीतिक माध्यमों से एक साथ पूरी जाती है। इस समझौते के अनुसार दोनों देशों को परमाणु सुविधाओं के बारे में एक दूसरे को सूचित करना होता है। यह अभ्यास 1 जनवरी, 1992 से जारी है।
एटमी हथियारों को लेकर भी हुआ समझौता
इस समझौते के दौरान दोनों देशों के बीच एटमी खतरे को लेकर भी समझौता हुआ है। यह 2017 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। इस समझौते के तहत समझौता एटमी हथियारों से जुड़े हादसों को कम करने का उद्देश्य जुड़ा था। इसके तहत एटमी हथियारों से हादसा होने पर दोनों देश एक-दूसरे को सूचना देंगे। ऐसा रेडिएशन की वजह से सीमा सीमा पर हो रहे नुकसान को देखते किया जाता है।
यह समझौता 21 फरवरी 2007 को लागू किया गया था। पहली बार इसे 2012 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था।