मालदीव और भारत के बीच में रिश्ते पिछले कई महीनों से तनावपूर्ण बने हुए हैं। जब से मालदीव में चीन समर्थक सरकार बनी है, भारत के साथ तकरार बढ़ती जा रही है। अब इसी कड़ी में मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने दावा किया कि 2019 में भारतीय आर्मी ने मालदीव में एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया था। बड़ी बात ये है कि इस ऑपरेशन का जिक्र सिर्फ वे कर रहे हैं, भारत ने तो उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
सीक्रेट ऑपरेशन की पूरी सच्चाई
मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने कहा कि जब मालदीव में भारतीय सैन्य हेलिकॉप्टर थे, तब उनके पायलटों ने 2019 में एक अनधिकृत ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मौमून के मुताबिक उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी सर्विस मामले की रिपोर्ट देखी है, उसमें इस सीक्रेट ऑपरेशन का जिक्र है। अब ये कहानी मालदीव बता रहा है, ये उसके दावे हैं, लेकिन भारत का स्टैंड अब सामने आया है।
मालदीव में इंडियन हाई कमीशन ने कहा है कि भारत ने जितने भी ऑपरेशन चलाए हैं, वो सभी मालदीव नेशनल डिफेन्स फोर्स (MNDF) को साथ रख चलाए हैं। 9 अक्टूबर, 2019 को भी चालक दल की सुरक्षा पर फोकस करते हुए थिमाराफुशी में एक हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। अब विवाद उस लैंडिंग को लेकर ही है, लेकिन भारत का कहना है कि वो लैंडिंग भी मालदीव के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को कॉन्फिडेंस में लेकर की गई थी। ऐसे में उसे सीक्रेट ऑपरेशन का नाम नहीं दिया जा सकता।
आखिर क्यों बिगड़े भारत-मालदीव के रिश्ते?
अब जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद मालदीव के उस समय के कुछ मंत्रियों नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी। इसको लेकर बाद में मजबूरीवश मोइज्जू को उन्हें मंत्री पद से हटाना पड़ा था। वहीं भारत विरोधी सोच के चलते ही भारतीय पर्यटकों के मालदीव जाने में भी कमी आई है जो कि टूरिज्म के लिहाज से भी मालदीव के लिए एक खतरा है।
2019 मुइज्जू ने मोहम्मद सोलिह को शिकस्त दी थी। मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस को चीन समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं, जबकि सोलिह भारत के तौर पर जाने जाते हैं।