मालदीव-भारत के बीच चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन से बड़ी अपील की है। मोहम्मद मुइज्जू ने चीन से मालदीव में अधिक पर्यटकों को भेजने की अपील की है। चीन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन मोहम्मद मुइज्जू ने मंगलवार को मालदीव बिजनेस फोरम में संबोधन के दौरान चीन को करीबी सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और साझेदारों में से एक बना हुआ है।
2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू की गई बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं की प्रशंसा करते हुए मुइज्जू ने कहा कि मालदीव के इतिहास में देखी गई यह सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी परियोजनाहै। उन्होंने चीन से मालदीव में अपने पर्यटकों को अधिक भेजने की अपील की।
मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, “कोविड से पहले चीन हमारा (मालदीव का) नंबर एक बाजार था और मेरा अनुरोध है कि हम चीन को इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करें।” मालदीव मीडिया ने बताया कि दोनों देशों ने हिंद महासागर द्वीप में एक पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए 50 मिलियन अमेरीकी डालर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिक चीनी पर्यटकों के लिए मोहम्मद मुइज्जू की अपील मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के बाद एक राजनयिक विवाद के बीच आई है।
मालदीव पर्यटन मंत्रालय जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत 2023 में देश के लिए सबसे बड़ा पर्यटक बाजार बना रहा। मालदीव में सबसे अधिक पर्यटक 209198 भारत से थे। इसके बाद 209,146 रूस दूसरे स्थान पर था। चीन (187,118) तीसरे स्थान पर है।
मालदीव के मंत्रियों के बयान के बाद मालदीव सरकार ने कहा था कि यह मंत्री की निजी राय थी और यह सरकार का रुख नहीं है। बाद में विवाद बढ़ता देख मालदीव ने अपनी मंत्री को भी पद से हटा दिया। ये विवाद सीधे-सीधे मालदीव को कई मुश्किलों में डाल सकता है। मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म पर ही डिपेंड करती है। वहां की जीडीपी का 28% हिस्सा टूरिज्म पर डिपेंड करता है। ऐसे में अगर उसके पर्यटन पर थोड़ा भी असर पड़ गया, उसके लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा।