कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने राजनयिकों और अपराधियों का इस्तेमाल कर उसके नागरिकों पर हमला करने और उन्हें अपनी ही धरती पर असुरक्षित महसूस कराने का आरोप लगाया है। ट्रूडो ने ये टिप्पणियां सोमवार को की थीं जिसके बाद भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों-अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की।

सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने यह कार्रवाई की है। वहीं, कनाडा ने भी 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की है। इस सबके बीच कनाडा खालिस्तानी सुक्खा दुनेके (Sukha Duneke) की हत्या में भारत की संलिप्तता का मामला बार-बार उठा रहा है।

पिछले साल 21 सितंबर को, बंबीहा गिरोह के कथित सहयोगी सुखदूल सिंह गिल उर्फ ​​सुक्खा दुनेके की कनाडा के विन्निपेग में अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दुनेके पंजाब में जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और हत्या के मामलों में वांछित था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने और उसके साथियों ने जबरन वसूली से जो पैसा इकट्ठा किया था, उसका इस्तेमाल अंततः खालिस्तान के लिए धन जुटाने और आतंकी वारदातों की योजना बनाने में किया गया।

सुक्खा दुनेके की हत्या में भारत का हाथ बता रहा कनाडा

द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार , सुक्खा दुनेके की हत्या को कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय असंतुष्टों के विरुद्ध हिंसा के अभियान का हिस्सा बताया है जिसे कथित तौर पर भारत सरकार द्वारा संचालित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, उसकी हत्या एनआईए द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई गैंगस्टर्स की वांछित सूची में शामिल होने के एक दिन से भी कम समय बाद हुई। यह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सार्वजनिक रूप से भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के दो दिन बाद हुआ।

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2017 में कनाडा भाग गया था सुक्खा

सुक्खा दुनेके के क्रिमिनल डोजियर से पता चलता है कि वह 2017 में कनाडा भाग गया था और तब से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था। उसका नाम एनआईए द्वारा पिछले साल जारी की गई 43 लोगों की सूची में भी शामिल था, जो कथित तौर पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल थे।

पिछले साल दुनेके और अन्य गैंगस्टरों के खिलाफ एनआईए द्वारा दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया गया था, “अपनी योजना के हिस्से के रूप में, उन्होंने लोगों के बीच आतंक पैदा करने की साजिश रची है। साजिशकर्ता जेलों और विदेश से अपने बाहरी वित्तपोषकों के माध्यम से काम करना जारी रखते हैं और स्थानीय स्तर पर और पाकिस्तान स्थित साजिशकर्ताओं के माध्यम से हथियारों की व्यवस्था करते हैं।”

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लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गिरोह से प्रतिद्वंद्विता

एनआईए अधिकारियों ने बताया कि दुनेके जिस बंबीहा गिरोह के साथ काम कर रहा था, उसकी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गिरोह से प्रतिद्वंद्विता है। दुनेके कबड्डी खिलाड़ी संदीप नग्गल अंबियन की हत्या का भी आरोपी है, जिसकी मार्च 2022 में पंजाब के मल्लियां गांव में एक मैच के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि उसने अमृतसर में एक रिश्तेदार के घर पर हत्यारों को पनाह मुहैया कराई थी।

पिछले साल सुक्खा दुनेके की हत्या के तुरंत बाद, उसके प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया ने अलग-अलग फेसबुक पोस्ट में इसकी जिम्मेदारी ली थी।

साल 2017 में, सुक्खा ने कनाडा में रहने वाले अपने परिवार के सदस्य द्वारा प्रायोजित पर्यटक वीज़ा पर देश छोड़ दिया और कभी वापस नहीं लौटा। 2022 में दुनेके को पासपोर्ट दिलाने में कथित तौर पर मदद करने के आरोप में पंजाब के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी।

(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)