अमेरिका और अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त अभियान में अल-कायदा की दक्षिण एशिया शाखा चीफ को पिछले महीने ढेर कर दिया है। अफगानिस्तान एनडीएस ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। भारतीय सुरक्षा एजेंसी में सनाउल हक के रूप में नामजद मौलाना आसिम उमर उत्तर प्रदेश के संभल से ताल्लुक रखता था। साल 2014 में जब अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) का गठन हुआ तभी से आसिम उमर इसका सरगना था। अल-कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी ने उसकी नियुक्ती की।

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) ने ट्विटर पर बताया कि उमर पाकिस्तानी नागरिक था, लेकिन इस तरह का दावा करने वाली कुछ रिपोर्टें थी कि वह भारत में पैदा हुआ था। बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के तीन साल बाद यानी 1995 से वह भारत से लापता था। इसके बाद से उसके पाकिस्तान में होने का संदेह था।

एनडीएस ने ट्विटर पर बताया कि उमर के साथ संगठन के छह अन्य सदस्यों को भी मार गिराया है। उनमें से अधिकतर पाकिस्तानी थे। उन्होंने बताया कि उमर को तालिबान के एक परिसर में ‘दफन’ कर दिया गया है। यह छापेमारी 22-23 सितंबर की रात को की गई थी जिसके लिए अमेरिका ने हवाई सहयोग दिया था।

उल्लेखनीय है कि इंडियन एक्सप्रेस ने 17 दिसंबर 2015 को सबसे पहले रिपोर्ट दी थी कि एक्यूआईएस चीफ एक भारतीय था जिसका ताल्लुक यूपी के संभल थे। संभल निवासी मोहम्मद आसिफ और कटर मूल के धार्मिक गुरु अब्दुल रहमान से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बाद उमर की पहचान की गई। दोनों को दिल्ली और ओडिशा पुलिस द्वारा 2014-15 के बीच पकड़ा गया।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अरविंद दीप ने तब कहा था कि आसिम यूपी के ही दो लोगों के साथ ईरान होते हुए साल 2012 में पाकिस्तान के जिहादी कैंप पहुंचा। बता दें कि आसिम ने देवबंद के दारुल-उलूम देवबंद से शिक्षा हासिल की और साल 1991 में ग्रेजुएट हुआ।