India Bangladesh Relations: बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और फिर हुए तख्तापलट के बाद बनी नई अंतरिम सरकार के समक्ष भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। बांग्लादेश की पूर्व पीएम और आवामी लीग की नेता शेख हसीना के भारत आने के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में ठंडक देखने को मिल रही थी। इसके उलट समय गुजरने के साथ ही चीजें फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं। आज बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने ढाका में भारतीय हाई कमिश्नर प्रणय वर्मा के साथ बैठक के बाद बड़ा बयान दिया और कहा कि अब बर्फ पिघलने लगी है।
बता दें कि बांग्लादेश में इसी साल हुए चुनावों में शेख हसीना की पार्टी ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल किया था। वहीं इसके बाद से बांग्लादेश में तनाव की स्थिति थी और धीरे-धीरे विरोध प्रदर्शन शक्ल ले रहे थे। इसके पीछे वहां विपक्षी पार्टी बीएनपी की अहम भूमिका बताई जा रही थी, जो कि शेख हसीना की विरोधी है। अब मुल्क में नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद बीएनपी के नेता ने भारतीय उच्चायोग के अधिकरी से मुलाका की है।
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भारतीय उच्चायुक्त से की मुलाकात
दरअसल, ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, “पिछले चुनाव के बाद (भारत और BNP के बीच) रिश्ते सवालों के घेरे में थे, लेकिन हमारे कार्यालय में उच्चायुक्त के आने ने से स्थिति में सुधार हुआ है… और बर्फ पिघलने लगी है। हमने दोनों देशों के बीच संबंधों पर चर्चा की, विशेष रूप से हमने मतदाता साझाकरण के मुद्दों, सीमा पर हत्याओं का उल्लेख किया… भारत का मुख्य मुद्दा सुरक्षा समस्या थी।”
पानी के बंटवारे को लेकर आया बड़ा बयान
एक तरफ भारत के साथ बांग्लादेश अपने रिश्तों को दोबारा पटरी पर लौटाने की कोशिश में जुटा है, तो दूसरी ओर बांग्लादेश की सरकार में जंल संसाधन मामलों की एजवाइजर सैयद रिजवाना हैदर ने कहा कि बांग्लादेश शीघ्र ही भारत के साथ सीमा पार नदियों के जल बंटवारे पर बातचीत करने के लिए कदम उठाएगा।
रिजवाना हसन ने विश्व नदी दिवस के अवसर पर ढाका में “बांग्लादेश की साझा नदियों में जल का उचित हिस्सा” विषय पर आयोजित सेमिनार में बोलते हुए कहा कि जनता की राय पर विचार करने के बाद वार्ता की जाएगी और वार्ता के परिणामों को लोगों के साथ साझा किया जाएगा।
रिजवाना ने कहा कि यद्यपि अंतर्राष्ट्रीय नदियों के जल का बंटवारा एक जटिल मुद्दा है, लेकिन आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान राजनीतिक नहीं होना चाहिए, उन्होंने कहा कि इस मामले में वे भारत से बातचीत करने के पक्ष में हैं।