अमेरिका की प्रतिष्ठित कॉर्नेल यूनिवसिर्टी में एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। प्रोफेसर ने एक छात्रा को अत्यंत ही छोटे कपड़े के लिए टोका तो उसने विरोध में सारे कपड़े उतार डाले। दो दर्जन छात्राओं ने भी प्रोफेसर के विरोध में अपने कपड़े उतार दिए। छात्रा की पहचान लेटिटिया चेई के तौर पर की गई। प्रोफेसर रेबेका मगॉर ने कुछ दिनों पहले छात्रा के छोटे कपड़ों को लेकर सवाल उठाया था। चेई ने थीसिस प्रेजेंटेशन के दौरान विरोध में कपड़े उतार कर वहां मौजूद अन्य लोगों को हतप्रभ कर दिया था। दरअसल, प्रो. रेबेका ने चेई से कहा था कि उसे नहीं लगता कि टेस्ट के दौरान उसने जो कपड़े पहने थे वे बहुत छोटे थे? चेई ने इस पूरे वाकये पर फेसबुक पोस्ट लिखकर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। छात्रा ने लिखा, ‘पहली बात जो प्रोफेसर ने मुझसे कही थी वह यह कि मैंने जो पहना था, क्या उसे वास्तव में पहनना चाहिए थ? प्रोफेसर ने पूरे क्लास के सामने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इतने छोटे कपड़े पहन कर मैं छात्रों को आमंत्रित कर रही हूं कि वह मेरे प्रेजेंटेशन के बजाय मुझे देखें। मैं इससे इस कदर चौंक गई थी कि इसका क्या जवाब दिया जाए।’ हालांकि, कुछ छात्रों ने चेई का समर्थन करते हुए प्रोफेसर की आपत्तियों पर ही सवाल उठा दिया था। ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ के अनुसार, एक विदेशी छात्र ने प्रोफेसर रेबेका का पक्ष लिया और कहा कि चेई का यह नैतिक दायित्व है कि वह उचित कपड़ा पहनें।

चेई ने बताया कि उसने रोते हुए प्रोफेसर रेबेका का समर्थन करने वाले छात्र से पूछा था, ‘क्या मैंने नैतिक तौर पर आपको नुकसान पहुंचाया है?’ इस घटना के बाद वह प्रेंजेटशन रूम से बाहर निकल आई थी। चेई ने आगे लिखा कि प्रोफेसर यहीं नहीं रुकी थीं। उन्होंने बाहर आकर मुझसे पूछा था कि इन कपड़ों के बारे में मेरी मां क्या सोचती हैं? उन्होंने कहा था कि प्रोफेसर ने कहा था कि उनकी भी एक बेटी है और वह इसको लेकर चिंतित हैं। चेई ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था, ‘मेरी मां एक फेमिनिस्ट (महिला अधिकारवादी) हैं। वह प्रोफेसर हैं और जेंडर और सेक्सुअलिटी स्टडीज पढ़ाती हैं।’ बता दें कि भारत में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के कपड़े को लेकर अक्सर ही सवाल उठते रहे हैं।