पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है। अपने संबोधन के दौरान इमरान ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की तीखी आलोचना भी की और कहा कि वे आईएसआई की पोल खोलेंगे।
इमरान खान इन दिनों लगातार पाक सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ “हकीकी आजादी मार्च” भी निकाला है, जो लाहौर से शुरू हो चुका है और इस्लामाबाद तक जाएगा। माना जा रहा है कि मार्च में जनसमर्थन दिखाकर वह पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए प्रशासन पर दबाव डालना चाहते हैं। इस बीच उनकी सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के साथ भी तनातनी चल रही है, जिसे लेकर भी वह बयानबाजी कर रहे हैं।
इमरान ने मार्च को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आईएसआई की पोल खोल दूंगा। मैं कोई कानून नहीं तोड़ रहा हूं।” उन्होंने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को मीर जाफर और गद्दार बताकर संबोधित किया। एक दिन पहले ही ISI प्रमुख ने इमरान पर गद्दारी का आरोप लगाया था। कहा था कि इमरान ने अपनी सरकार बचाने के लिए सेना प्रमुख बाजवा को खास ऑफर दिया था।
बता दें कि इमरान खान की आर्मी चीफ, आईएसआई प्रमुख नदीम अंजुम के साथ खुलकर तकरार चल रही है। वह लगातार बाजवा को मीर जाफर और गद्दार बता रहे हैं। वहीं, इमरान के हमलों का डायरेक्टर जनरल आईएसआई लेफ्टिनेंट नदीम अंजुम ने मीडिया के सामने आकर जवाब दिया। उन्होंने पूर्व पीएम के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी आईएसआई चीफ को सामने आना पड़ा है।
इससे पहले इमरान खान ने आरोप लगाया था कि सेना ने विपक्ष के साथ साजिश रचकर उनकी सरकार को अप्रैल में गिरा दिया था। इस पर नदीम अंजुम ने कहा कि इमरान सेना की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सेना और आर्मी चीफ ने गैर-कानूनी काम करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि सेना ने तय किया हुआ है कि वह राजनीति के बीच में नहीं पड़ेगी, इसलिए सेना ने इमरान खान के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। वहीं, इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व पीएम की तरफ से कोई अनुरोध नहीं किया गया है।