पाकिस्तान में शनिवार को पूरे दिन चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद देर रात इमरान खान (Imran Khan) की सरकार के खिलाफ नैशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें हार के साथ ही इमरान खान की साढ़े तीन साल की पारी का अंत हो गया। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में सत्तारूढ़ पीटीआई के सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया और इसके कुछ देर पहले ही इमरान खान प्रधानमंत्री आवास छोड़कर निकल गए थे। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में इमरान खान के खिलाफ 174 वोट पड़े और इस तरह बहुमत से दूर उनकी सरकार गिर गई।

2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए इमरान खान को बड़े पैमाने पर आर्थिक कुप्रबंधन के आरोपों पर अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। आज तक किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान खान भी प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता में साढ़े तीन साल ही रह पाए।

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान, जिन्होंने 1992 के क्रिकेट विश्व कप में अपनी कमतर मानी जा रही टीम के साथ खिताब जीता था, पाकिस्तान की राजनीति में वह उस करिश्मे को दोहराने में नाकाम रहे और इस सियासी पारी के बीच ही मजबूत विपक्ष ने उन्हें ‘रन आउट’ कर दिया। इमरान खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है।

पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता और प्रधानमंत्रियों का अपने पद से इस्तीफा देना कोई नई बात नहीं है। 1947 में पाकिस्तान के एक स्वतंत्र देश बनने के बाद से किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। पाकिस्तान की सियासत में सेना के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक वहां चार सैन्य तख्तापलट हो चुका है। साथ ही तख्तापलट की कई कोशिशें नाकाम भी रही हैं। पाकिस्तान में करीब तीन दशक तक सैन्य शासन रहा है।

नेशनल असेंबली के अहम सत्र की अध्यक्षता करने वाले अयाज सादिक ने कहा कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र रविवार दोपहर दो बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं और इनकी जांच दोपहर तीन बजे तक होगी। सादिक ने सोमवार सुबह 11 बजे एक बार फिर नेशनल असेंबली की बैठक बुलाने की घोषणा की। वहीं, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बताया कि सदन की बैठक दोपहर दो बजे होगी।

इमरान खान सरकार के बहुमत खोने के बाद शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इमरान खान को हटाए जाने के बाद सदन के नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया। हालांकि, इसके पहले ही संयुक्त विपक्ष ने ऐलान किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे।

कौन हैं शहबाज शरीफ जो बन सकते हैं अगले पीएम

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई, 70 वर्षीय शहबाज शरीफ पीएमएल-एन के अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में ही संयुक्त विपक्ष ने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था और नतीजन, संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद इमरान खान को हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नवाज शरीफ के विपरीत शहबाज शरीफ के पाकिस्तान की सेना के साथ अच्छे संबंध हैं।

शहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रोविंस के सीएम रह चुके हैं। 1997 में शहबाज शरीफ पहली बार पंजाब प्रोविंस के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, 1999 के परवेज मुशर्रफ के तख्‍तापलट के बाद शरीफ को पाकिस्‍तान छोड़ना पड़ा था और आठ साल निर्वासन के दौरान वे सऊदी अरब में रहे। राजनीतिक हालात बदलने के बाद 2007 में शाहबाज पाकिस्‍तान वापस लौटे और 2008 के चुनावों में पार्टी की जीत के बाद वे फिर पंजाब प्रोविंस के सीएम बने।