Pakistan Imran Khan: पाकिस्तान में हालात हर दिन के साथ और ज्यादा विस्फोटक बनते जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई को लेकर पीटीआई समर्थक अब सड़कों पर उतर चुके हैं, इस्लामाबाद में पीटीआई कार्यकर्ता सेना और पुलिस के सामने तगड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। कई जगह तो हिंसा भी देखने को मिल गई है। इस पूरे बवाल में अभी तक नौ लोगों की जान जा चुकी है, सरकार के सूत्रों का तो दावा है कि इमरान खान के समर्थकों ने पाक आर्मी के चार रेंजर्स को भी अपनी गाड़ी से कुचल दिया।
बिगड़ते हालात को देखते हुए शूट एट साइट के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब यहां पर समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर पाकिस्तान में इतना बवाल हो क्यों रहा है।
इमरान खान जेल में क्यों बंद?
अब सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है पिछले कई महीनों से इमरान खान जेल में हैं, उन पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। यहां भी जो तोषखाना मामला है, उसमें तो इमरान खान बुरी तरह फंस चुके हैं। उनकी तरफ से कई जमानत याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। इसी वजह से इमरान ने अब एक नया आंदोलन जेल से ही शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान में इमरान समर्थकों का मार्च हुआ हिंसक
Mission Final Call क्या है?
उन्होंने अपनी रिहाई की इस पूरी प्रक्रिया को ‘फाइनल कॉल’ का नाम दिया है। उन्होंने तो जेल से जो संदेश जारी किया उसमें भी दो टूक कहा कि 24 नवंबर का दिन गुलामी से आजाद होने का है। अब पाकिस्तान को ही तय करना होगा कि उसे बहादुर शाह जफर की तरह गुलामी का जूआ चाहिए या टीपू सुल्तान की तरह आजादी का ताज। इमरान के उस एक आह्वान के बाद ही पीटीआई के कई कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए और अपने नेता की रिहाई की मांग करने लगे।
इमरान खान की 3 बड़ी मांगें
जानकारी के लिए बता दें कि पीटीआई समर्थकों की इस समय तीन सबसे बड़ी मांगे हैं। पहली मांग तो है कि इमरान खान को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। दूसरी मांग रखी गई है कि 2024 के पाकिस्तानी चुनाव में जो असल नतीजे आए थे, उन्हें ही स्वीकार किया जाए। असल में पाकिस्तान में जो पिछले चुनाव हुए, उसमें जेल में रहते हुए भी इमरान खान की पार्टी को सबसे ज्यादा सीट मिली थीं। तीसरी मांग है कि पाकिस्तानी संसद में अदालत की ताकत कम करने वाले जिस एक्ट को पास किया गया था, उसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
वैसे पाकिस्तान में जारी इस बवाल पर शहबाज सरकार का रुख एकदम साफ दिख रहा है। मुल्क में यह जो हिंसा हो रही है, इसी लेकर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जोर देकर बोला है कि यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है बल्कि उग्रवाद है।
इमरान की बेगम बुशरा बीबी का क्या रोल?
बड़ी बात यह है इस विरोध प्रदर्शन को इमरान खान की बेगम बुशरा बीबी का पूरा समर्थन मिल रहा है। उनकी तरफ से तो साफ कह दिया गया है कि पीटीआई समर्थक डी चौक से अब वापस तभी जाएं जब इमरान खान की जेल से रिहाई हो जाए। यहां तक बोला गया है जब तक इमरान अगला आदेश जारी नहीं कर देते, समर्थक डटे रहे।
फौज क्या चाहती है, किस तरफ खड़ी?
पीटीआई समर्थकों की यह अकड़ ही बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर तख्तापलट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। सवाल उठने लगे हैं कि इस्लामाबाद में रक्तपात जारी रहेगा या फिर तख्तापलट हो जाएगा। अभी के लिए तो पाकिस्तान की सेना ने पूरे इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया है, हर कीमत पर पीटीआई समर्थकों को रोकने की कोशिश हो रही है। माना तो यहां तक जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज किसी भी कीमत पर इमरान खान की रिहाई नहीं चाहती है। ऐसे में आने वाले दिनों में हालात और ज्यादा विस्फोटक बन सकते हैं।
वैसे पाकिस्तान में अभी राजनीतिक हिंसा ही नहीं हो रही है, धार्मिक हिंसा भी चरम पर पहुंच चुकी है। इस समय मुल्क में शिया बनाम सुन्नी मुसलमानों के बीच में एक जंग छिड़ी हुई है, काफी खून-खराबा हो रहा है। लेकिन इस हिंसा के तार इतिहास के पन्नों में छिपे हुए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें