अमेरिका में हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्हें बधाई दी। उनके बधाई देने के बाद चर्चा शुरू हुई कि X पाकिस्तान में बैन है, फिर पीएम ने बधाई कैसे दे दी? लिखा गया कि पीएम ने वीपीएन का उपयोग करते हुए X का इस्तेमाल किया है, जो पाकिस्तान के कानून का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री शरीफ ने ट्विटर पर लिखा, “मैं पाकिस्तान-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत तथा व्यापक बनाने के लिए आने वाले प्रशासन के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
क्या है पूरा मामला?
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। तरार ने दावा किया कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़े आतंकवादी अपनी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को फैलाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर शहबाज शरीफ सरकार की काफी आलोचना हो रही है।
क्या कह रहे लोग?
एक यूजर ने एलन मस्क को टैग करते हुए लिखा, “मिस्टर ट्रंप, यह जोकर आपको बधाई देने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल कर रहा है। वैसे, आपके प्लेटफॉर्म को पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया है।” “यदि पाखंड का कोई मानवीय चेहरा होता तो वह शहबाज शरीफ होता।”
इस बीच, गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका “पुराने दोस्त और साझेदार” हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल से इस्लामाबाद के चीन के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बलूच के हवाले से कहा, “अमेरिका के साथ हमारे संबंध दशकों पुराने हैं और हम सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को और मजबूत और व्यापक बनाने के लिए तत्पर हैं।”
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बलूच के हवाले से कहा, “अमेरिका के साथ हमारे संबंध दशकों पुराने हैं और हम सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को और मजबूत और व्यापक बनाने के लिए तत्पर हैं।”
जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पाकिस्तान-चीन संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद का बीजिंग के साथ संबंध देश की विदेश नीति में सदाबहार, रणनीतिक और स्थिर करने वाली ताकत है।
उन्होंने कहा, “यह संबंध दुनिया भर के घटनाक्रमों से अप्रभावित रहा है। इसलिए हमें इस संभावना पर विचार करने की भी आवश्यकता नहीं है कि यह संबंध किसी अन्य देश में किसी घरेलू घटनाक्रम से प्रभावित होगा।”