इजरायल की सरकारी ‘इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज’ (आईएआई) ने बुधवार (24 अक्टूबर) को समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि उसने 77.7 करोड़ रुपये का एलआरएसएएम मिसाइल का ठेका भारत से हासिल किया है। ये मिसाइल भारतीय नौसेना के सात जहाजों में लगाई जानी हैं। बता दें कि एलआरएसएएम मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो जल, थल और वायु में भारत काे मिसाइल हमले से सुरक्षित रखेगा।
इस मिसाइल के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने भारत सरकार की कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) के साथ करार किया है। बेल ही इस प्रोजेक्ट की मुख्य कंपनी होगी। एलआरएसएएम, बराक-8 मिसाइल के कुनबे का हिस्सा है। इस मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल इजरायल की नेवी के अलावा भारत की नौसेना, वायु सेना और थल सेना कर रही है। आईएआई के मुताबिक, इस डील के साथ ही बराक 8 की बिक्री का आंकड़ा बीते कुछ सालों में ही बढ़कर 4300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
आईएआई के सीईओ निमरोड शेफर ने कहा,”आईएआई की भारत के साथ साझेदारी काफी पुरानी है। अब हम साझा सिस्टम विकसित करने और उसके प्रोडक्शन की तरफ बढ़ रहे हैं। भारत आईएआई के लिए बड़ा बाजार है और हम प्रतिस्पर्धा के नजरिये से भी भारत में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की योजना बना रहे हैं।” इजरायल और भारत के नेता दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करना चाहते हैं। दोनों देश लगातार कृषि और आधुनिक तकनीकी के क्षेत्र में अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहे हैं। इजरायल भारत के लिए हथियारों का बड़ा सप्लायर बनकर सामने आया है। इसके अलावा भारत अमेरिका और पुराने दोस्त रूस से भी हथियार खरीदता आया है।
पिछले साल, आईएआई ने भारत के साथ करीब 200 करोड़ रुपये की डील की थी। इस डील के तहत भारत की सेना और नौ सेना को मिसाइल रक्षा तकनीकी दी जानी थी। इसके बाद बेल के साथ 630 करोड़ रुपये का करार बराक 8 मिसाइल की आपूर्ति के लिए किया गया था। ये मिसाइल भारतीय नौ सेना के चार जहाजों में लगाई जानी थी। ये जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी। बराक 8 मिसाइल का विकास आईएआई ने इजरायल के रक्षा मंत्रालय, भारत की डीआरडीओ, दोनों देशों की नौसेनाओं, इजरायल के राफेल और भारत और इजरायल की स्थानीय औद्योगिक इकाईयों ने मिलकर विकसित किया है।

