क्या आपने कभी सुना है कि किसी बेटी को उसके मां-बाप सिर्फ बाढ़ के खतरे से बचने के लिए ब्याह देते हों? ऐसी ही कहानी 14 साल की शमीला और उसकी 13 साल की बहन अमीना की है। जिन्हें पैसों के एवज में घर से विदाई दे दी गई। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में शमीला और अमीना के अलावा इस साल में अबतक 45 नाबालिग लड़कियां शादीशुदा हो चुकी हैं। इनमें से 15 मई और जून में ब्याही गई हैं।

“मैं यह सुनकर खुश थी कि मेरी शादी हो रही है, इससे मेरी ज़िंदगी आसान हो जाएगी”, यह बात शमीला ने अपनी उम्र से दोगुनी उम्र ज़्यादा के एक शख्स के साथ शादी के बाद समाचार एजेंसी AFP से बात करते हुए कही। शमीला ने आगे कहा,”मेरे पास कुछ नहीं है और शायद बारिश से जो है वो भी नहीं रहता।”

पाकिस्तान में अचानक बढ़ रहे है बाल-विवाह : मौसम का इससे क्या लेना-देना?

पाकिस्तान में बीते कुछ सालों में बाल विवाह के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन कई इलाकों में 2022 में आई बाढ़ के बाद ऐसे मामले बढ़ गए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि बदलते मौसम के कारण ऐसी शादियां बढ़ रही हैं। ऐसा क्लाइमेट चेंज की वजह से हो रहा है, क्योंकि जुलाई से सितंबर के दरमियान होने वाली खेती पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। खासतौर पर इसका असर सिंध इलाके पर पड़ा है। सिंध के कई खेती किसानी वाले गांव 2022 की बाढ़ से उबर नहीं पाए हैं। इस बाढ़ से बड़ी तादाद में लोग बेघर हो गए थे।

बाल विवाह से निपटने के लिए बनाया गया सुजाग संसार नाम का एक एनजीओ कहता है कि ऐसी स्थिति में ‘मानसून दुल्हनों’ का एक नया चलन शुरू हो गया है। प्रभावित परिवार अपने जीवन को जीने के लिए कई तरीके खोजते हैं, जिसमें से एक पैसों के बदले बेटियों की शादियां भी हैं।

एनजीओ दावा करता है कि 2022 की बाढ़ के बाद से सिंध प्रांत के दादू जिले के गांवों में बाल विवाह में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह इलाका बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ था। खान मल्लाह गांव में शमीला और अमीना के अलावा इस साल में अबतक 45 नाबालिग लड़कियां शादीशुदा हो चुकी हैं। इनमें से 15 मई और जून में ब्याही गई हैं।

क्यों हो रहा है ऐसा, गांव के लोग क्या कहते हैं?

खान मल्लाह गांव की 65 वर्षीय बुजुर्ग माई हजानी कहती हैं कि 2022 की बारिश से पहले इलाके में इतनी कम उम्र में लड़कियों की शादी नहीं की जाती थी। वह कहती हैं, “बच्चियां काम करती थीं, बिस्तरों के लिए रस्सी बनाती थीं, आदमी मछली पकड़ने और खेती में व्यस्त रहते थे।”

दोनों बच्चियों के माता-पिता ने एएफपी को बताया कि अपनी बेटियों को गरीबी से बचाने के लिए उनकी शादी जल्दी कारवाई गई है। आमतौर पर ऐसा पैसे के बदले में किया जाता है।

शमिला की सास बीबी सचल ने कहा कि उन्होंने दुल्हन शमिला के मां-बाप को दो लाख रुपए (पाकिस्तानी रुपये) दिए हैं। यह इस इलाके में एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती है।

‘मैंने सोचा था कि मुझे लिपस्टिक मिलेगी’

एक ऐसी ही लड़की नजमा अली की जब 2022 में शादी की गई तब उसकी उम्र महज 14 साल थी। परंपरा के मुताबिक उसे जल्द ही ससुराल भेज दिया गया। नजमा ने बताया, “मेरे पति ने हमारी शादी के लिए मेरे मां-बाप को 250,000 रुपये दिए। क्योंकि उन्हें एक लोन चुकाने के लिए यह पैसा चाहिए था।” नजमा अब एक छह महीने के बच्चे की मां भी बन गई है। वह कहती है, “मैंने सोचा था कि मुझे लिपस्टिक, मेकअप, कपड़े मिलेंगे लेकिन अब हमारे पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है।”