Donald Trump On Nobel Peace Prize: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को इस वर्ष शांति का नोबेल पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पुरस्कार विजेता वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को कई अवसरों मदद की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा ने कहा कि जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला है। उसने आज मुझे फोन किया और कहा, ‘मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रहा हूं क्योंकि आप सचमुच इसके हकदार थे’… हालांकि, मैंने यह नहीं कहा, ‘मुझे दे दो।’ मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसा किया होगा। मैं उनकी हर तरह से मदद करता रहा हूं। मैं खुश हूं क्योंकि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है…”।

वहीं, जब नोबेल शांति पुरस्कार समिति के अध्यक्ष से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा खुद को बार-बार नोबेल शांति पुरस्कार का हक़दार बताने के दावे के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘नोबेल शांति पुरस्कार के लंबे इतिहास में इस समिति ने हर तरह के कैंपेन और मीडिया का अटेंशन देखा है। हमें हर साल हज़ारों-हज़ार चिट्ठियाँ मिलती हैं, जिनमें लोग यह लिखते हैं कि उनके लिए शांति का क्या मतलब है। समिति जिस कमरे में बैठकर विचार करती है, वहाँ सभी पुरस्कृत हस्तियों के चित्र लगे हैं-जिन्होंने साहस और ईमानदारी से काम किया है। हम अपने निर्णय काम और अल्फ्रेड नोबेल की इच्छाओं के आधार पर लेते हैं।”

वेनेज़ुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार के तहत मचाडो को 1.2 मिलियन डॉलर मिलेंगे। नोबेल कमिटी ने कहा कि मचाडो ने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा दिया और तानाशाही से लोकतंत्र को शांतिपूर्ण हासिल किया था।

कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो?

2025 का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता वेनेजुएला की नेता मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado) को अपने देश में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करने वाली एक जानी-मानी राजनीतिक शख्सियत हैं। मारिया कोरिना का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेजुएला की राजधानी कराकास में हुआ। उनके पिता हेनरिक मचाडो उद्योगपति थे और मां कोरिना पेरिस्का मनोवैज्ञानिक थीं। बचपन से ही वे बेबाक, साहसी और नेतृत्व करने वाली रही हैं।

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मारिया कोरिना मचाडो ने एंड्रस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में काराकास के इंस्टिट्यूट डी एस्टुडिओस सुपीरियर डी एडमिनिस्ट्रेशन (IESA) से फाइनेंस में पोस्टग्रेजुएशन किया। अच्छी नौकरी करने या व्यापार में जाने की बजाय उन्होंने देश की राजनीति में कदम रखा, क्योंकि वेनेजुएला की बिगड़ती हालत उन्हें बेचैन करती थी।

2002 में उन्होंने स्मेट (Súmate) नाम की संस्था बनाई, जो चुनावों की निगरानी और नागरिक अधिकारों पर काम करती है। यहीं से उनकी असली राजनीतिक यात्रा शुरू हुई। बाद में उन्होंने वेंटे वेनेजुएला (Vente Venezuela नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई और देश में बदलाव की आवाज बन गईं।

मारिया कोरिना अपने तेवरों और साफ-सुथरी छवि के कारण वेनेजुएला की आयरन लेडी कही जाती हैं। उन्होंने खुले तौर पर पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज और मौजूदा नेता निकोलस मादुरो के तानाशाही रवैये का विरोध किया। कई बार उन्हें धमकियां मिलीं, गिरफ्तारियां झेलनी पड़ीं, लेकिन उन्होंने पीछे हटना नहीं सीखा।

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